नोटबंदी और जीएसटी का हुआ घरेलू बचत पर असर, अर्थव्यवस्था के लिए खड़ी हो सकती है चुनौती: रिपोर्ट
इंडिया रेटिंग के प्रमुख अर्थशास्त्री डीके पंत ने बताया, “नोटबंदी और जीएसटी का अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव पड़ा है और घरेलू क्षेत्र में यह प्रभाव अधिक स्पष्ट रूप से देखा गया
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। नोटबंदी और जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) का असर घरेलू बचत पर पड़ा है। अगर वित्त वर्ष 2012 और 2017 के बीच घरेलू बचत जो कि 23.6 फीसद से गिरकर 16.3 फीसद पर आ गई है, उसका गिरना आगे भी जारी रहता है तो यह समग्र विकास और व्यापक आर्थिक स्थिरता के लिए एक गंभीर चुनौती पैदा कर सकता है। ऐसा अनुमान इंडिया रेटिंग की एक हालिया रिपोर्ट में लगाया गया है।
इंडिया रेटिंग के प्रमुख अर्थशास्त्री डीके पंत ने बताया, “नोटबंदी और जीएसटी का अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव पड़ा है और घरेलू क्षेत्र में यह प्रभाव अधिक स्पष्ट रूप से देखा गया। घरेलू बचत दर वित्त वर्ष 2016-17 में 153 आधार अंक यानी 1.53 फीसद की गिरावट आई। सार्वजनिक क्षेत्र की बचत दर 0.37 फीसद यानी 37 बीपीएस बढ़ गई, जबकि निजी क्षेत्र की बचत की दर 0.12 फीसद गिर गई। इस प्रकार बचत दर में 1.28 फीसद की गिरावट देखी गई।”
हाउसहोल्ड सेक्टर बचत के लिहाज से सबसे बड़ा योगदानकर्ता माना जाता है, वित्त वर्ष 2017 में इस क्षेत्र की बचत गिरकर 30 फीसद पर आ गई, जबकि यह कई सालों तक 32 फीसद पर बरकरार रही है। वित्त वर्ष 2012 में घरेलू बचत दर 34.6 फीसद थी। हाउसहोल्ड सेविंग में परिवारों की घरेलू बचत, गैर-लाभकारी संस्थानों और अर्ध-निगमों की ओर से की गई बचत शामिल है और यह अर्थव्यवस्था में बचत के लिहाज से सबसे बड़ा योगदानकर्ता है।
इस रिपोर्ट में आगे कहा गया, “वित्त वर्ष 2012 से 2017 के बीच घरेलू बचत की हिस्सेदारी अर्थव्यवस्था की कुल बचत में 60.93 फीसद रही। इसके बाद निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी 35 फीसद और सार्वजनिक क्षेत्र की हिस्सेदारी 4.07 फीसद रही।”