भारत की आर्थिक वृद्धि पर नोटबंदी का असर आरबीआई के अनुमान से कहीं ज्यादा होगा: नोमुरा
नोटबंदी से भारत की आर्थिक वृद्धि को नुकसान भारतीय रिजर्व बैंक के अनुमान से भी बड़ा होने की संभावना है
नई दिल्ली। नोटबंदी से भारत की आर्थिक वृद्धि को नुकसान भारतीय रिजर्व बैंक के अनुमान से भी बड़ा होने की संभावना है। यह आंकलन जापान की वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी नोमुरा ने लगाया है। नोमुरा का कहना है कि निकट अवधि में तेज मंदी की संभावना है क्योंकि नकदी की किल्लत के अगले वित्त वर्ष के पहली तिमाही तक खिंच सकती है।
नोमुरा ने अपने एक रिसर्च नोट में बताया है कि हम आरबीआई के इस अनुमान से इत्तेफाक रखते हैं कि नोटबंदी का असर लंबे समय तक दिख सकता है, लेकिन नकदी की किल्लत अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही तक खिंच सकती है। उसने बताया कि उनके प्रमुख संकेतक निकट अवधि के विकास में एक तेज मंदी की ओर इशारा कर रहे हैं। नोमुरा ने आगे बताया कि वो भारत की आर्थिक वृद्धि में जिस नुकसान का अनुमान लगा रहे हैं वो आरबीआई के अनुमान से कहीं ज्यादा है। यह रिपोर्ट बताती है कि नवंबर में जो खुदरा महंगाई में गिरावट आई थी उसकी एक वजह नोटबंदी थी जिस वजह से खाने-पीने के चीजों के दाम गिरे। इस पृष्ठभूमि में अगर किसी प्रमुख वैश्विक व्यवधान को छोड़ दिया जाए तो हमें उम्मीद है कि ग्रोथ और महंगाई के आंकड़े नीतियों को सहज बनाने में मददगार होंगे।
वहीं नोमुरा ने यह उम्मीद भी जताई है कि फरवरी महीने में रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर इसे 6 फीसदी तक कर सकती है।