राज्यों के उलझे व लंबित मामले सुलझा रहा है नीति आयोग
नीति आयोग पंजाब के लंबित मुद्दों को सुलझाने में मदद कर रहा है
नई दिल्ली (जेएनएन)। सरकार के विभिन्न मंत्रलयों और विभागों के पास राज्यों के लंबित मुद्दों को सुलझाने की दिशा में नीति आयोग ने अहम कदम बढ़ाया है। बिहार, राजस्थान और तेलंगाना जैसे राज्यों के मुद्दे सुलझाने के बाद आयोग ने अब लंबित मुद्दों को सुलझाने में पंजाब की मदद की है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पानागढ़िया ने मंगलवार को पंजाब के मुख्य सचिव करन अवतार सिंह के साथ बैठक की। बैठक में कृषि व किसान कल्याण, जल संसाधन और वित्त मंत्रालय के राजस्व बैकिंग सेवा विभाग में लंबित पंजाब से संबंधित मुद्दों पर विचार किया गया। आयोग का कहना है कि सहकारी संघवाद की नीति को मूर्तरूप देने की दिशा में यह कदम उठाया जा रहा है। राज्य की डिस्टिक्ट सेंट्रल कॉपरेटिव बैंकों को सतत विकास के लिए वित्तीय मदद देने के उद्देश्य से नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद की अध्यक्षता में एक समिति बनाने का फैसला लिया गया। समिति में नाबार्ड, राज्य सरकार, आरबीआइ और वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग के प्रतिनिधि भी होंगे। यह विशेषज्ञ समिति कॉपरेटिव बैंकों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर भी विचार करेगी। वहीं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के फसल विविधीकरण में पशुपालन और डेयरी फार्मिंग को एक घटक के तौर पर शामिल करने के मुद्दे पर भी विचार हुआ।
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि इस योजना में राज्यों को छूट दी गई है। सतलुज नदी से निकलने वाली नहरों की मरम्मत और उनके आधुनिकीकरण तथा विस्तार की परियोजनाओं को मंजूरी देने के मुद्दे पर जल संसाधन मंत्रालय के अधिकारियों ने संकेत दिया कि पंजाब सरकार से प्रस्ताव मिलने के एक सप्ताह के भीतर ही मंजूरी दे दी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले नीति आयोग बिहार के राष्ट्रीय राजमार्ग, जल संसाधन, उद्योग, शिक्षा, ग्रामीण विकास, पर्यटन, अल्पसंख्यक मामले, सार्वजनिक खाद्य वितरण और बैकवर्ड रीजन ग्रांट फंड से संबंधित मुद्दों को भी सुलझा चुका है। वहीं उत्तर प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद राज्य के विकास की कार्ययोजना तय करने में भी मदद कर चुका है।’