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15 अक्टूबर तक सर्विस प्रोवाइडर के बकाये का करें भुगतान: वित्त मंत्री

इससे पहले शुक्रवार को भी निर्मला सीतारमण ने बैठक की जिसमें अलग-अलग मंत्रालयों के वित्तीय सलाहकारों के अलावा वित्त सचिव शामिल हुए।

By NiteshEdited By: Published: Sat, 28 Sep 2019 01:08 PM (IST)Updated: Sat, 28 Sep 2019 01:08 PM (IST)
15 अक्टूबर तक सर्विस प्रोवाइडर के बकाये का करें भुगतान: वित्त मंत्री
15 अक्टूबर तक सर्विस प्रोवाइडर के बकाये का करें भुगतान: वित्त मंत्री

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आर्थिक सुधार को लेकर सरकार की ओर से लगातार बैठकें की जा रही है। इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू) के प्रमुखों के साथ बैठक कर पूंजीगत खर्च के कार्यक्रमों की समीक्षा की। बैठक के बाद प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में निर्मला सीतारमण ने सभी उपक्रमों को 15 अक्टूबर तक ठेकेदारों और आपूर्तिकताओं का सारा बकाया निपटाने का शनिवार को निर्देश दिया। इसके लिए अक्टूबर के पहले सप्ताह में अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने सरकारी कंपनियों से भुगतान संबंधी मामलों के लिए नया पोर्टल शुरू करने के लिए भी कहा है। ताकि, सर्विस प्रोवाइडर बिल और भुगतान संबंधी जानकारी ट्रैक कर सकें।

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34 पीएसयू ने अगस्त तक 48,077 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जबकि दिसंबर 2019 तक 50,159 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं, इसके अलावा चौथी तिमाही में 54,700 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य है।

इस बैठक में एनएचएआई, सीआईएल, इंडियन ऑयल, ओएनजीसी, HAL, एनएचपीसी, पावर ग्रिड, एनटीपीसी, गेल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और MSME के सचिव शामिल रहे।

इससे पहले शुक्रवार को भी निर्मला सीतारमण ने बैठक की, जिसमें अलग-अलग मंत्रालयों के वित्तीय सलाहकारों के अलावा वित्त सचिव शामिल हुए। इस बैठक में सीतारमण ने मंत्रालयों से समय पर पेमेंट जारी करने के लिए कहा। वित्त मंत्री ने MSME सर्विस प्रोवाइडर को बकाया चुकाने के भी आदेश दिए। उन्होंने MSME के सभी बकायों का भुगतान जल्द सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। इसके अलावा सीतारमण ने मंत्रालयों से चार तिमाहियों का कैपेक्स प्लान मांगा है।

वित्त मंत्री ने कहा कि कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए बजट में दी गयी राशि को समय पर खर्च करने के लिए हर महीने निगरानी की जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि अधिकारियों को हर संभव प्रयास कर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि फेस्टिव सीजन की शुरुआत से पहले ही सभी लंबित भुगतान कर दिए जाएं।

वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के सचिव जी सी मुर्मू ने एक सवाल के जवाब में कहा कि लगभग 60,000 करोड़ रुपये के बिलों का भुगतान लंबित था जिसमें से तकरीबन 40,000 करोड़ रुपये के भुगतान को मंजूरी दी चुकी है। पिछले तीन महीने में 20,157 करोड़ रुपये के लंबित भुगतान के लिए धनराशि जारी की जा चुकी है। वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि 23 अगस्त तक जीएसटी के जितने रिफंड बकाया था उनमें से 90 फीसद अब तक दिये जा चुके हैं।


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