Move to Jagran APP

नीरव मोदी-विजय माल्‍या को वापस लाने के लिए क्‍या है सरकार की तैयारी, जानिए यहां

कई देशों में भगोड़े अपराधियों के प्रत्यर्पण के आवेदन लंबित हैं। भ्रष्टाचार पर संयुक्त राष्ट्र के समझौते की व्यवस्था की धारा 43 को अधिसूचित किए जाने से ऐसे मामलों से निपटने में मदद मिलेगी। यह बात वित्त मंत्रालय ने संसद की एक समिति को बताई है।

By Ashish DeepEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 08:36 AM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 08:36 AM (IST)
नीरव मोदी-विजय माल्‍या को वापस लाने के लिए क्‍या है सरकार की तैयारी, जानिए यहां
वित्त मंत्रालय ने संसद की एक समिति को बताई बात।

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। कई देशों में भगोड़े अपराधियों के प्रत्यर्पण (Nirav Modi Vijay Mallya extradition case) के आवेदन लंबित हैं। भ्रष्टाचार पर संयुक्त राष्ट्र के समझौते की व्यवस्था की धारा 43 को अधिसूचित किए जाने से ऐसे मामलों से निपटने में मदद मिलेगी। यह बात वित्त मंत्रालय ने संसद की एक समिति को बताई है। वित्त मंत्रालय ने भगोड़े आर्थिक अपराधियों के प्रत्यर्पण और एजेंसियों के सामने आने वाली चुनौतियों के प्रयासों के संसद की एक समिति के समक्ष मौखिक साक्ष्य के दौरान यह जानकारी दी।

loksabha election banner

वित्त मंत्रालय के प्रतिनिधि ने समिति को बताया कि हमने 2017 के बाद से अब तक 21 मामलों में प्रत्यर्पण अनुरोध भेजा है। इनमें से दो भगोड़े अपराधी भारत लौट चुके हैं। तीन मामलों में प्रत्यर्पण की कार्यवाही एडवांस स्टेज में है। शेष में मामला विचाराधीन है।

मंत्रालय ने बताया कि भगोड़े अपराधियों के प्रत्यर्पण में मुख्य समस्या यह है कि प्रत्यर्पण संधि के लिए केवल यह आवश्यक है कि अनुरोध करने वाले देशों को प्रथम दृष्टया अपराध साबित करना चाहिए। समिति को बताया गया कि हालांकि ज्यादातर देश प्रत्यर्पण अनुरोध की इस तरीके से जांच कर रहे हैं कि हमें अपराध को निर्णायक रूप से साबित करना चाहिए और यही कारण है कि बड़ी संख्या में अनुरोध के आवेदन अभी लंबित हैं। वित्त मंत्रालय के प्रतिनिधि ने बताया कि हमारी 43 देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि हैं और 11 देशों के साथ पारस्परिक व्यवस्था है।

उन्होंने कहा कि भारत ने भ्रष्टाचार पर संयुक्त राष्ट्र के समझौते की व्यवस्था को अधिसूचित किया लेकिन इनमें से केवल धारा 44 और धारा 46 को ही अधिसूचित किया गया है, जो किसी व्यक्ति के प्रत्यर्पण के मामलों को नहीं निपटाती हैं। यह उचित होगा कि भ्रष्टाचार पर संयुक्त राष्ट्र के समझौते की व्यवस्था की धारा 43 को अधिसूचित किया जाए, जो भगोड़े अपराधी के प्रत्यर्पण से संबंधित है।

लोकसभा में सोमवार को पेश विदेशों के साथ प्रत्यर्पण संधियों, शरण स्थल संबंधी मुद्दों, अंतरराष्ट्रीय साइबर सुरक्षा और वित्तीय अपराधों के मुद्दे पर विदेश मामलों संबंधी संसदीय समिति की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त मंत्रालय के प्रतिनिधि ने बताया कि यह प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) दोनों के लिए काफी मददगार होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.