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NHB ने बिल्‍डरों को दिया झटका, अब खरीदारों के बदले नहीं दे सकते EMI

आगे भी कुछ बिल्डरों द्वारा कथित तौर पर उप-निर्माण योजनाओं का उपयोग करके धोखाधड़ी की घटनाएं एनएचबी के ध्यान में लाई गई हैं।

By NiteshEdited By: Published: Tue, 23 Jul 2019 12:49 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jul 2019 01:14 PM (IST)
NHB ने बिल्‍डरों को दिया झटका, अब खरीदारों के बदले नहीं दे सकते EMI
NHB ने बिल्‍डरों को दिया झटका, अब खरीदारों के बदले नहीं दे सकते EMI

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। नेशनल हाउसिंग बैंक ने सभी हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे ऐसे घर खरीदारों को लोन देने से बचें, जो डेवलपर्स की मदद से डेट सर्विसिंग के जरिए लोन लेते हैं। एनएचबी ने एक सर्कुलर जारी करते हुए कहा है कि राष्ट्रीय आवास बैंक (NHB) की ओर से उपरोक्त होम लोन प्रोडक्‍ट्स के संबंध में कई शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। आगे भी कुछ बिल्डरों द्वारा कथित तौर पर उप-निर्माण योजनाओं का उपयोग करके धोखाधड़ी की घटनाएं एनएचबी के ध्यान में लाई गई हैं।

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एनएचबी ने कहा कि कर्ज बांटने की परियोजना निर्माण के स्टेज से निकटता से जुड़ा होना चाहिए। नियामक ने एचएफसी को उधारकर्ताओं की ओर से बिल्डरों या डेवलपर्स द्वारा कर्ज बकाया की सर्विसिंग वाले कर्ज उत्पादों की पेशकश करने से रोकने की सलाह दी है।

उल्लेखनीय है कि अब होम लोन के लिए बिल्डर मकान तैयार होने तक आपके ब्याज का वहन नहीं करेगा। अभी तक इस स्कीम के तहत घर खरीदार 5 से 10 फीसद का डाउनपेमेंट करते थे, बाकी 90-95 फीसद की रकम बैंक से लोन के रूप में जमा किया जाता था। इस लोन पर लगने वाला ब्याज जमा करना बिल्डर की जिम्मेदारी होती थी। इस ब्याज का भुगतान बिल्डर तब तक करता था, जब तक कंस्ट्रक्शन का काम पूरा नहीं हो जाता था।

सर्कुलर में कहा गया है कि अगर प्रोजेक्ट्स सरकार या वैधानिक प्राधिकरणों द्वारा प्रायोजित किया जाता है तो HFC अधिकारियों द्वारा निर्धारित भुगतान चरणों के अनुसार कर्ज वितरित कर सकते हैं, यहां तक ​​कि जहां घर खरीदारों से मांगे गए भुगतान निर्माण के चरणों से जुड़े नहीं हैं।

एचएफसी को आवास परियोजनाओं के निर्माण की प्रगति की निगरानी करने और बिल्डर/डेवलपर को भुगतान जारी करने से पहले उधारकर्ता की सहमति प्राप्त करने के लिए कहा गया है। यदि एचएफसी द्वारा उधारकर्ता की सहमति प्राप्त की जाती है और निर्माण के चरण से जुड़े बिना एक एचएफसी द्वारा फंड जारी किया जाता है तो इसे एचएफसी की ओर से अपने जिम्मेदारी को सही ढंग से पूरा नहीं करने के रूप में देखा जाएगा। ऐसे में रियल एस्टेट विशेषज्ञों का मानना ​​है कि यह कदम डेवलपर्स पर अधिक दबाव डालेगा।


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