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NHAI शहरों के नजदीक हाईवे के किनारे की जमीन लीज पर देकर जुटाएगा पूंजी

NHAI की रोड प्रोजेक्ट के टोल ठेके से पैसे जुटाने की योजना नाकाफी साबित हुई है। इसलिए अब वह पूंजी जुटाने के लिए हाईवे किनारे की जमीन लीज पर देगा।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Thu, 10 Oct 2019 09:37 AM (IST)Updated: Thu, 10 Oct 2019 09:37 AM (IST)
NHAI शहरों के नजदीक हाईवे के किनारे की जमीन लीज पर देकर जुटाएगा पूंजी
NHAI शहरों के नजदीक हाईवे के किनारे की जमीन लीज पर देकर जुटाएगा पूंजी

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। नई परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त धन की आवश्यकता को देखते हुए एनएचएआइ नए तरीके तलाश रहा है। इस कड़ी में टीओटी योजना के जरिये तैयार सड़क परियोजनाओं के टोल ठेके देने का उसका कदम नाकाफी साबित हुआ है। लिहाजा, अब वह राजमार्गो के किनारे की जमीन को लीज पर देकर भी पैसा जुटाएगा। इस प्रस्ताव को हाल ही में एनएचएआइ बोर्ड ने मंजूरी दी है।

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भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) अपनी हाईवे परियोजनाओं के किनारे की जमीन को निजी कंपनियों को लीज पर देकर धनराशि जुटाएगा। नई सड़क परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण की बढ़ी लागत के कारण इसकी जरूरत महसूस की गई है। महानगरों और शहरों के नजदीक हाईवे के किनारे की जमीन इस योजना के लिए अधिक उपयुक्त पाई गई हैं। इन्हें हाईवे इनफ्लुएंस जोन का नाम दिया गया है।

एनएचएआइ का आकलन है कि इन राजमार्गो के किनारे दोनों ओर 500-500 मीटर के भूखंडों को लीज पर उठाया जा सकता है। अधिकारियों के मुताबिक, इस योजना को इसी वर्ष लागू करने के लिए संबंधित राज्य सरकारों को भरोसे में लेने का प्रयास किया जा रहा है। भारतमाला परियोजना के संदर्भ में इस योजना को उपयुक्त समझा जा रहा है, क्योंकि इसमें राज्यों की भी भागीदारी है।

पिछले दिनों सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी इस तरह की योजना लाए जाने के बारे में संकेत दिए थे। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि एनएचएआइ ने धन जुटाने के लिए कुछ नए विकल्प तलाशे हैं। इनमें एक विकल्प नए एक्सप्रेस हाईवे के किनारे की जमीन को निजी कंपनियों को लीज पर देना है, ताकि वे वहां रोड साइड सुविधाएं विकसित कर सकें।

इस योजना के तहत पहले 60-60 एकड़ के बड़े लैंड पार्सल उठाने का मन बनाया गया था, लेकिन कंपनियों की राय के बाद अब इन्हें छोटा कर 10-12 एकड़ में तब्दील करने का निर्णय लिया गया है। इनमें एक एकड़ जमीन पेट्रोल पंपों के लिए होगी। इसके लिए टेंडर जारी किए जाएंगे। अगले दो-तीन वर्षो में हाईवे सुविधाओं के तहत सात-आठ सौ पेट्रोल पंप स्थापित होने की उम्मीद है।


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