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राहत पैकेज की अगली बारी सर्विस सेक्टर की, ट्रैवल, टूरिज्म, हॉस्पिटलिटी सेक्टर पर रहेगा फोकस

क्योंकि कोरोना महामारी की वजह से चालू वित्त वर्ष में राजस्व संग्रह अनुमान से काफी कम रहेगा। वहीं व्यय में अप्रत्याशित बढ़ोतरी रहेगी। बजट में पूरे वित्त वर्ष के लिए व्यय राजस्व व अन्य राजकोषीय अनुमान का ब्योरा दिया जाता है।

By NiteshEdited By: Published: Mon, 02 Nov 2020 08:35 PM (IST)Updated: Tue, 03 Nov 2020 10:21 AM (IST)
राहत पैकेज की अगली बारी सर्विस सेक्टर की, ट्रैवल, टूरिज्म, हॉस्पिटलिटी सेक्टर पर रहेगा फोकस
next turn of the relief package will be the focus on the service sector travel tourism hospitality sector

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लगातार दो महीने से मैन्यूफैक्चरिंग एवं औद्योगिक उत्पादन के कुछ सेक्टर में तेजी के बाद सरकार अब सर्विस सेक्टर को पटरी पर लाने में पूरी तरह से जुट गई है। ताकि अर्थव्यवस्था को विकास के रास्ते पर लाया जा सके। देश के ग्रास वैन्यू एडेड (जीवीए) में सर्विस सेक्टर का योगदान 55.39 फीसद का है। वित्त मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक अगले राहत पैकेज में सर्विस सेक्टर का खास ख्याल रखा जाएगा। इनमें मुख्य रूप से ट्रैवल, टूरिज्म, हॉस्पिटलिटी व नागरिक उड्डयन जैसे सेक्टर शामिल हैं। ये सभी सेक्टर रोजगारपरक है जिन्हें पटरी पर लाने से रोजगार की बहाली में मदद मिलेगी।

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वित्त मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक पिछले कुछ महीनों से सर्विस सेक्टर में आईटी को छोड़ ट्रैवल, टूरिज्म, हॉस्पिटलिटी व नागरिक उड्डयन को राहत पैकेज देने के लिए लगातार कवायद चल रही है और इन सेक्टर के नुमाइंदों से भी इस मामले में मश्विरा की गई है। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक सर्विस सेक्टर को दिए जाने वाले राहत पैकेज में उन्हें टैक्स में छूट जैसी राहत नहीं दी जाएगी। ऐसा करने से सरकार के राजस्व पर फर्क पड़ सकता है। 

सरकार उनके लिए अलग प्रकार के पैकेज की तैयारी कर रही है। सूत्रों के मुताबिक घरेलू स्तर पर नवंबर तक कोरोना संक्रमण के फैलाव को देखने के बाद ही इस पैकेज का एलान किया जा सकता है। औद्योगिक संगठनों के मुताबिक घरेलू हवाई यात्रा का स्तर कोरोना पूर्व के 50 फीसद तक पहुंच गया है। इनमें से अधिकतर लोग जरूरी काम के लिए सफर करने वाले लोग हैं। पांच सितारा होटल के प्रबंधकों के मुताबिक अब भी वे अपनी कुल क्षमता के 35 फीसद स्तर पर काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि हवाई यात्रा, रेल यात्रा और अंतरराज्यीय बस सेवा के पूरी तरह से आरंभ नहीं होने तक हॉस्पिटलिटी इंडस्ट्री में बढ़ोतरी संभव नहीं है। 

अधिकतर होटल प्रबंधकों ने अपने आधे से अधिक स्टॉफ को अस्थायी रूप से छुट्टी पर भेज दिया है।बॉक्सबदल सकता है आगामी बजट अनुमान का आधार वर्ष वित्त मंत्रालय में आगामी वित्त वर्ष 2021-22 के बजट की तैयारी शुरू हो गई है। लेकिन अगले वित्त वर्ष के बजट के विभिन्न अनुमान के लिए चालू वित्त वर्ष 2020-21 को आधार नहीं माना जाएगा। इसकी जगह गत वित्त वर्ष 2019-20 को आधार वर्ष बनाया जा सकता है। कुछ समय पहले वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामले विभाग के सचिव तरुण बजाज ने भी इसके संकेत दिए थे। एक कार्यक्रम में उन्होंने चालू वित्त वर्ष को लॉस्ट इयर करार दिया था।मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक आगामी वित्त वर्ष के बजट के लिए व्यय, राजस्व व अन्य राजकोषीय अनुमान के लिए 2019-20 को आधार वर्ष बनाया जा सकता है।

क्योंकि कोरोना महामारी की वजह से चालू वित्त वर्ष में राजस्व संग्रह अनुमान से काफी कम रहेगा। वहीं, व्यय में अप्रत्याशित बढ़ोतरी रहेगी। बजट में पूरे वित्त वर्ष के लिए व्यय, राजस्व व अन्य राजकोषीय अनुमान का ब्योरा दिया जाता है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में सरकार ने सिर्फ 5,65,417 करोड़ रुपए प्राप्त किए हैं जो चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमान का सिर्फ 25.18 फीसद है।


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