एनसीएलटी से इस साल 80,000 करोड़ की वसूली में मिली मदद
2018 में कई कंपनियों के विरुद्ध इन्सॉल्वेंसी प्रक्रिया लगभग पूर्णता तक पहुंची। इनमें भूषण स्टील, इलेक्ट्रोस्टील स्टील्स, बिनानी सीमेंट शामिल हैं।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। नेशनल कंपनी लॉ टिब्यूनल (एनसीएलटी) के जरिये इस साल 80,000 करोड़ रुपये से अधिक की इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी (आइबीसी) प्रक्रियाओं का समाधान करने में मदद मिली है। उम्मीद है कि 2019 में यह आंकड़ा एक लाख करोड़ रुपये को पार कर सकता है, क्योंकि फंसे कर्ज के कई बड़े मामले अभी लंबित हैं। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक एनसीएलटी को और मजबूत बनाने के लिए न्यायाधीशों और पीठों की संख्या बढ़ाने और इसके इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने की भी योजना है, ताकि समाधान प्रक्रिया को तेज किया जा सके।
कॉरपोरेट मामलों के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने बताया कि 2018 में आइबीसी के तहत एनसीएलटी और नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट टिब्यूनल (एनसीएलएटी ) के माध्यम से विभिन्न कॉरपोरेट कर्जदारों से 80 हजार करोड़ रुपए से अधिक की वसूली की गई है। एक अनुमान के मुताबिक आईबीसी ने दिसंबर 2016 में प्रभावी होने के बाद से करीब 3 लाख करोड़ रुपए के फंसे लोन का समाधान करने में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से मदद की है।
उन्होंने कहा कि इस अनुमान में समाधान योजना के तहत वसूली और एनसीएलटी के समक्ष पेश होने से पहले निपटाए गए मामले शामिल हैं। उम्मीद है कि 2019 में एनसीएलटी देशभर की अपनी 11 पीठों के माध्यम से कई फंसे कर्जो की दिवाला समाधान प्रक्रिया को अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचाएगा। इन मामलों में एस्सार स्टील, भूषण पावर एंड स्टील, वीडियोकॉन समूह, मोनेट इस्पात, एमटेक ऑटो, रुचि सोया, लैंको इंफ्राटेक, जेपी इंफ्राटेक व अन्य शामिल हैं।
2018 में कई कंपनियों के विरुद्ध इन्सॉल्वेंसी प्रक्रिया लगभग पूर्णता तक पहुंची। इनमें भूषण स्टील, इलेक्ट्रोस्टील स्टील्स, बिनानी सीमेंट शामिल हैं।