न्यूमेटल और आर्सेलरमित्तल की याचिका सुनेगा एनक्लैट
न्यूमेटल ने अपनी याचिका में कहा कि एनसीएलटी की अहमदाबाद खंडपीठ ने आर्सेलरमित्तल को एस्सार स्टील के लिए बोली लगाने के अयोग्य घोषित कर दिया था
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनक्लैट) न्यूमेटल लिमिटेड, आर्सेलरमित्तल इंडिया लिमिटेड और एस्सार स्टील इंडिया लिमिटेड के कर्जदाताओं की याचिकाएं सुनने को राजी हो गया है। ट्रिब्यूनल ने याचिकाओं की सुनवाई के लिए 17 मई की तारीख देते हुए एस्सार स्टील के कर्जदाताओं और समाधान पेशेवरों (आरपी) समेत दोनों कंपनियों को नोटिस भेजा है।
आर्सेलरमित्तल ने एस्सार स्टील के लिए बोली लगाने की उसकी पात्रता को चुनौती देने वाली न्यूमेटल की याचिका के खिलाफ एनक्लैट की शरण गही थी।
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने आर्सेलरमित्तल को सहयोगी कंपनियों के कर्ज चुकाकर एस्सार स्टील के लिए बोली लगाने की इजाजत दे दी थी। एनसीएलटी के इस फैसले को रूस की वीटीबी कैपिटल समर्थित न्यूमेटल लिमिटेड ने एनक्लैट में चुनौती दी। दूसरी तरफ, आर्सेलरमित्तल ने उसे एस्सार स्टील के लिए बोली लगाने के अयोग्य घोषित किए जाने के फैसले को चुनौती दी थी। गौरतलब है कि एनक्लैट का फैसला उसी दिन आया, जिस दिन एस्सार स्टील के लिए नई बोली स्वीकार करने के बारे में कंपनी के कर्जदाताओं की बैठक होने वाली थी।
न्यूमेटल ने अपनी याचिका में कहा कि एनसीएलटी की अहमदाबाद खंडपीठ ने आर्सेलरमित्तल को एस्सार स्टील के लिए बोली लगाने के अयोग्य घोषित कर दिया था। खंडपीठ का कहना था कि आर्सेलरमित्तल कुछ ऐसी कंपनियों की प्रमोटर है, जो बैंक का कर्ज चुकाने में विफल रही हैं। न्यूमेटल की आपत्ति यह है कि आर्सेलरमित्तल को अयोग्य घोषित करने के फैसले के साथ ही एनसीएलटी ने उसे सहयोगी कंपनियों का कर्ज चुकाकर बोली लगाने के योग्य बन जाने का रास्ता भी साफ कर दिया।
आर्सेलरमित्तल को बोली लगाने के योग्य बनने की मोहलत दिए जाने के एनसीएलटी के फैसले के खिलाफ न्यूमेटल ने एनक्लैट में याचिका दायर की थी। वहीं, आर्सेलरमित्तल का कहना था कि वह बैंक का कर्ज नहीं चुका पाने वाली संबंधित कंपनियों की प्रमोटरशिप छोड़ चुकी है। ऐसे में उसे बोली लगाने से रोकना गलत है। गौरतलब है कि एस्सार स्टील पर करीब 49,000 करोड़ रुपये का कर्ज है।