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साइरस मिस्त्री को NCLAT से बड़ी राहत, फिर से टाटा सन्स के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन पद पर बहाल करने का आदेश

एनसीएलएटी ने एन चंद्रशेखरन को कार्यकारी चेयरमैन बनाने के प्रबंधन के निर्णय को भी अवैध ठहराया है।

By NiteshEdited By: Published: Wed, 18 Dec 2019 04:05 PM (IST)Updated: Wed, 18 Dec 2019 05:01 PM (IST)
साइरस मिस्त्री को NCLAT से बड़ी राहत, फिर से टाटा सन्स के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन पद पर बहाल करने का आदेश

नई दिल्ली, पीटीआइ। टाटा के पूर्व चेयरमैन रहे साइरस मिस्त्री को नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCALT) से बड़ी राहत मिली है। NCALT ने टाटा संस के चेयरमैन पद से साइ‍रस मिस्त्री के हटाने को अवैध ठहरा दिया है और उन्हें इस पद पर फिर से बहाल करने का आदेश दिया है। एनसीएलएटी ने एन चंद्रशेखरन को कार्यकारी चेयरमैन बनाने के प्रबंधन के निर्णय को भी अवैध ठहराया है। NCALT के इस फैसले को साइरस मिस्त्री की जीत के तौर पर देखा जा रहा है। मिस्त्री एक बार फिर तीन साल के बाद टाटा संस के चेयरमैन बनेंगे। दूसरी ओर टाटा संस की ओर से भी बयान सामने आ गया है। टाटा संस की ओर से कहा गया है कि अपीलकर्ता को जिस विशेष राहत की उम्मीद थी NCLAT का आदेश उससे परे जाता नजर आता है। उसने कहा कि टाटा संस को अपने केस की मजबूती पर पूरा भरोसा है और वह आगे कानूनी कार्रवाई करेगी।

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इस मसले पर साइरस मिस्त्री का बयान भी सामने आया है। मिस्त्री ने कहा, आज का फैसला मेरे लिए व्यक्तिगत जीत नहीं है, बल्कि यह सुशासन और अल्पसंख्यक शेयरधारक के अधिकारों के सिद्धांतों की जीत है। 

बता दें कि इससे पहले नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के मुंबई बेंच ने दो निवेश फर्मों साइरस इनवेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड और स्टर्लिंग इनवेस्टमेंट कॉर्प के द्वारा दाखिल की गई याचिकाओं को खारिज कर दिया था। एनसीएलटी में केस हारने के बाद मिस्त्री अपीलेट ट्रिब्यूनल पहुंचे थे। अपीलेट ट्रिब्यूनल ने जुलाई में फैसला सुरक्षित रखा था।

एनसीएलएटी ने चंद्रशेखरन की नियुक्ति को भी गलत बताया। चंद्रशेखरन फरवरी 2017 में टाटा संस के चेयरमैन बने थे। एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अपील के लिए टाटा संस ने 4 हफ्ते का वक्त मांगा, जिसे एनसीएलएटी की ओर से मंजूर कर लिया गया।

सायरस मिस्त्री को अक्टूबर 2016 में टाटा संस के चेयरमैन पद से हटा दिया गया था। इसके दो महीने बाद मिस्त्री के परिवार ने दो इन्वेस्टमेंट कंपनियों की ओर से टाटा संस के फैसले को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की मुंबई बेंच में चुनौती दी थी। ये दो कंपनियां साइरस इनवेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड और स्टर्लिंग इनवेस्टमेंट कॉर्प थीं। कंपनियों की दलील थी कि मिस्त्री को गलत तरीके से हटाया गया है और यह फैसला कंपनीज एक्ट के नियमों से अलग है, लेकिन जुलाई 2018 में एनसीएलटी ने दावे को खारिज कर दिया था। इसके बाद मिस्त्री खुद आगे आए और उन्होंने एनसीएलटी के फैसले के खिलाफ अपील की थी। 2012 में रतन टाटा के रिटायर होने के बाद सायरस मिस्त्री टाटा संस के छठे चेयरमैन बने थे।

एनसीएलएटी के फैसले के बाद टाटा मोटर्स बीएसई पर 3.05% गिरावट के साथ 174.70 रुपए पर बंद हुआ। टाटा ग्लोबल बेवरेजेज 4.14% नुकसान के साथ 311.80 रुपए पर बंद हुआ। टाटा पावर ने 0.98% नीचे 55.50 रुपए पर कारोबार समेटा।


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