देश भर में लॉकडाउन के चलते Real Estate सेक्टर में गहराया संकट, ठहर गई घरों की बिक्री
Corona मार्केट विश्लेषकों को यह भी डर है कि मौजूदा ग्राहक डेवलपर्स को उनकी इंस्टॉलमेंट चुकाने में देरी कर सकते हैं। (PC Pexels)
नई दिल्ली, पीटीआइ। कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए बुधवार से पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन शुरू हो गया है। इस दौरान आवश्यक सुविधाओं को छोड़कर सभी औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों सहित सब कुछ बंद रहेगा। इस लॉकडाउन का असर रियल एस्टेट पर भी बुरी तरह पड़ा है। हाउसिंग सेल्स के लगभग स्थिर हो जाने के कारण रियल एस्टेट सेक्टर बुरी तरह प्रभावित है। इसने बिल्डरों के केश फ्लो को भी प्रभावित किया है। प्रोपर्टी डेवलपर्स एंड कंसल्टेंट्स के अनुसार, इससे वे बैंक का लोन चुकाने में डिफॉल्ट होने की तरफ आगे बढ़ रहे हैं।
मार्केट विश्लेषकों को यह भी डर है कि मौजूदा ग्राहक डेवलपर्स को उनकी इंस्टॉलमेंट चुकाने में देरी कर सकते हैं। इससे वे बैंक लोन पर प्रिंसिपल और ब्याज के भुगतान में डिफॉल्ट होने की तरफ आगे बढ़ेंगे। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि सेकेंडरी या री-सेल मार्केट में भी कीमतों गिर सकती हैं। इस नुकसान को कम करने के लिए डेवलपर्स और ब्रोकर्स घर खरीदारों तक पहुंचने के लिए डिजिटल मार्केटिंग को अपना रहे हैं।
क्रेडाई के प्रेसिडेंट सतीश मागर ने बताया कि लॉकडाउन के कारण से ब्रिक्री पर बहुत जबरदस्त असर पड़ेगा और नए लॉन्चेज में भी देरी हो जाएगी। उन्होंने कहा, 'ऐसा हो सकता है कि कई ग्राहक इस कठिन आर्थिक स्थिति के चलते अपनी किश्त चुकाने में डिफॉल्ट हो जाएं। इससे उन डेवलपर्स पर नकदी का संकट खड़ा हो जाएगा और वे अपने लोन्स नहीं चुका पाएंगे।'
वहीं, NAREDCO के प्रेसिडेंट निरंजन हीरानंदानी ने भी कहा है कि ओवरऑल बिक्री की संख्या गिर गई है। उन्होंने कहा, 'इस लॉकडाउन ने सेल्स और मार्केटिंग गतिविधियों और पेमेंट्स के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म के मौके खोल दिये हैं।'
उधर बेंगलुरु बेस्ड Puravankara के एमडी आशिष आर पी ने कहा, 'इस समय किसी भी प्रोपर्टी का रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा है और सारे नए प्रोजेक्ट्स आगे खिसक गए हैं।' उन्होंने कहा कि सभी कंस्ट्रक्शन साइट्स लॉकडाउन के दायरे में हैं।