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10 करोड़ गरीबों के अकाउंट में सीधे पैसे डाल सकती है सरकार, बड़े आर्थिक पैकेज का ऐलान जल्दः रिपोर्ट

Corona भारत सरकार कोरोना की वजह से देश में पैदा हुई आर्थिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए इस पैकेज की घोषणा कर सकती है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Wed, 25 Mar 2020 05:12 PM (IST)Updated: Thu, 26 Mar 2020 11:41 AM (IST)
10 करोड़ गरीबों के अकाउंट में सीधे पैसे डाल सकती है सरकार, बड़े आर्थिक पैकेज का ऐलान जल्दः रिपोर्ट
10 करोड़ गरीबों के अकाउंट में सीधे पैसे डाल सकती है सरकार, बड़े आर्थिक पैकेज का ऐलान जल्दः रिपोर्ट

नई दिल्ली, रायटर। भारत की नरेंद्र मोदी सरकार कोरोनावायरस से मुकाबले के बीच 1.5 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा कर सकती है। इस मामले से जुड़े दो सूत्रों ने समाचार एजेंसी रायटर को यह जानकारी दी। यह बात ऐसे समय में सामने आई है जब कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए देशभर में तीन हफ्ते के लॉकडाउन की घोषणा हो चुकी है। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक भारत सरकार ने अब तक पैकेज को अंतिम रूप नहीं दिया है। उनके मुताबिक इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी, वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक के बीच चर्चा चल रही है। एक सूत्र के मुताबिक प्रोत्साहन पैकेज का आकार 2.3 लाख करोड़ तक का हो सकता है। हालांकि, इसको लेकर अब भी चर्चा चल रही है।

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10 करोड़ों लोगों के अकाउंट में सीधे डाले जाएंगे पैसे

सूत्रों ने बताया कि इस पैकेज की घोषणा इस सप्ताह के आखिर में की जा सकती है। इस पैकेज के तहत देश के 10 करोड़ गरीब लोगों के खाते में सीधे रुपये ट्रांसफर किए जा सकते हैं। इसके अलावा लॉकडाउन से प्रभावित बिजनेसेज की सहायता का ऐलान भी किया जा सकता है। 

उल्लेखनीय है कि 1.3 अरब लोगों की जनसंख्या वाले देश में बुधवार से संपूर्ण लॉकडाउन अमल में आ गया। कोरोनावायरस को रोकने के लिए यह किसी भी देश की सरकार की तरफ से उठाया गया सबसे बड़ा फैसला है। भारत में अब तक 560 से अधिक लोगों को इस वायरस से पीड़ित पाया गया है। इनमें से दस लोगों की मौत हो चुकी है।

सूत्रों ने बताया कि सरकार ने रिजर्व बैंक से कुछ सरकारी प्रतिभूतियों को खरीदने के लिए कहा है। केंद्रीय बैंक ने कई दशक से ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है क्योंकि इससे महंगाई दर के चढ़ने की आशंका पैदा हो जाती है।

एक सूत्र ने कहा, ''RBI को विश्व के अन्य सेंट्रल बैंक की तरह बॉन्ड खरीदना होगा।''

वित्त मंत्रालय ने इस योजना पर किसी तरह की टिप्पणी से इनकार कर दिया। आरबीआइ ने भी इस संदर्भ में भेजे गए इमेल का जवाब नहीं दिया है। 


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