Mutual fund में SIP के जरिये निवेश को तरजीह, वर्ष 2020 के पहले छह महीनों में 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हुआ
निवेशकों अब भी सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये म्युचुअल फंड में निवेश करना ज्यादा सहूलियत भरा कदम समझते हैं।
नई दिल्ली, पीटीआइ। निवेशकों अब भी सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये म्युचुअल फंड में निवेश करना ज्यादा सहूलियत भरा कदम समझते हैं। उद्योग को 2020 के पहले छह महीनों में SIP के जरिये निवेश से 50,000 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई हुई है, जो कि एक साल पहले की अवधि से 3 फीसद ज्यादा है। यह बढ़ती प्रवृत्ति COVID-19 के प्रभावों के बीच बिलकुल उल्टा है। सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान खुदरा निवेशकों के लिए म्युचुअल फंड में निवेश करने का पसंदीदा जरिया रहा है, क्योंकि इससे उन्हें बाजार के समय जोखिम को कम करना आसान लगता है।
एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (Amfi) के अनुसार, जनवरी से जून 2020 में SIP का योगदान 2019 की पहली छमाही में 48,757 करोड़ रुपये से बढ़कर 50,102 करोड़ रुपये हो गया। ग्रोव के सह-संस्थापक हर्ष जैन ने कहा कि भारतीय एसआईपी निवेश बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच भारी लचीलापन दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा ऐसे समझा जा सकता है कि एक माध्यम के रूप में एसआईपी को काफी लोकप्रियता मिली है।
पिछले तीन महीनों में कम हुआ निवेश
हालांकि, पिछले तीन महीनों में एसआईपी के माध्यम से फ्लो थोड़ा कम हो गया है। नवंबर 2018 के बाद पहली बार जून के महीने में निवेश 8,000 करोड़ रुपये से नीचे आ गया है। ऐसे में SIP के जरिये नेट निवेश जून में 7,927 करोड़ रुपये रहा, जबकि मई में 8,123 करोड़ रुपये, अप्रैल में 8,376 करोड़ रुपये था। इससे पहले मार्च में यह 8,641 करोड़ रुपये, फरवरी में 8,513 करोड़ रुपये और जनवरी में 8,532 करोड़ रुपये था।