MSME अभी कर्ज लेने के मूड में नहीं, गैर आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन से जुड़े MSME माहौल देखकर बढ़ाएंगे कदम
गैर आवश्यक वस्तुओं के छोटे उत्पादकों के लिए सबसे बड़ी समस्या यह है कि सामान बनाकर वे उसे कहां बेचेंगे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार ने माइक्रो, स्मॉल, मीडियम इंटरप्राइजेज (एमएसएमइ) को 3 लाख करोड़ के गिरवी मुक्त लोन देने की घोषणा जरूर कर दी है, लेकिन फिलहाल गैर आवश्यक वस्तुओं के कारोबार से जुड़े एमएसएमइ इस लोन को लेने के मूड में नहीं दिख रहे हैं।गैर आवश्यक वस्तुओं से जुड़े छोटे उद्यमियों ने बताया कि अभी सबसे बड़ी दिक्कत मांग की है।
सप्लाई चेन पूरी तरह शुरू नहीं होने से कच्चे माल की उपलब्धता भी एक समस्या है। बवाना इंडस्ट्रीयल इलाके में कॉस्मेटिक का सामान बनाने वाले दीपक अरोड़ा कहते हैं, अभी जो हालात चल रहे हैं, उसमें कोई भी व्यक्ति अतिरिक्त खर्च करने से परहेज कर रहा है। फिलहाल कॉस्मेटिक वस्तुओं का उत्पादन करना समझदारी भरा कदम नहीं होगा। ऐसे में तत्काल तौर पर उन्हें लोन लेने की जरूरत नहीं दिख रही है। चैंबर ऑफ इंडियन एमएसएमइ के प्रेसिडेंट मुकेश मोहन गुप्ता ने बताया कि गैर आवश्यक वस्तुओं से जुड़ी एमएसएमइ अभी फैक्टरी शुरू करने की स्थिति में नहीं है। इसकी मुख्य वजह है कि जबतक पूरी सप्लाई चेन शुरू नहीं हो जाती है, उन्हें अपनी फैक्टरी चलाने में कोई फायदा नहीं दिख रहा है।
गैर आवश्यक वस्तुओं के छोटे उत्पादकों के लिए सबसे बड़ी समस्या यह है कि सामान बनाकर वे उसे कहां बेचेंगे। गारमेंट मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी रिचलुक के निदेशक शिव गोयल ने बताया कि लॉकडाउन से ढील मिलने पर उन्होंने अंबाला स्थित अपने स्टोर को खोला, लेकिन कोई बिक्री नहीं हो रही है। अभी वह गारमेंट को छोड़ आरएलकेयर नाम से पीपीइ किट बना रहे हैं ताकि अपने कर्मचारियों की सैलरी का भुगतान कर सके और आगे की उम्मीद कायम रख सके।
एमएसएमइ खाते को डील करने वाले स्टेट बैंक आफ इंडिया के एक अधिकारी के मुताबिक उन्होंने 20,000 एमएसएमइ को पिछले दिनों लोन देने के लिए मैसेज भेजा। इनमें से मात्र 90 एमएसएमइ ने लोन लेने में अपनी दिलचस्पी दिखाई। हालांकि बैंक अधिकारियों का यह भी मानना है कि पूर्ण रूप से गिरवी मुक्त लोन की प्रक्रिया आरंभ होने में अभी थोड़ा वक्त है और तबतक कुछ मांग निकलने की स्थिति में लोन की मांग बढ़ सकती है।
विशेषज्ञों के मुताबिक पूर्ण रूप से यह गिरवी मुक्त कर्ज नए उद्यमियों को नहीं मिलेंगे। इसके अलावा इस कर्ज के लिए जो गारंटी ट्रस्ट है, उसकी तरफ से अभी दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे, उसके बाद ही पता चल पाएगा कि कितने एमएसएमइ इस कर्ज को ले सकेंगे।