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भारत 3.3 फीसद के राजकोषीय घाटे के लिए कर सकता है खर्चों में कटौती: मूडीज

मूडीज ने उम्मीद जताई है कि भारत सरकार वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान जीडीपी के अनुपात में 3.3 फीसद के अपने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पा सकता है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Thu, 07 Jun 2018 04:16 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jun 2018 06:56 AM (IST)
भारत 3.3 फीसद के राजकोषीय घाटे के लिए कर सकता है खर्चों में कटौती: मूडीज
भारत 3.3 फीसद के राजकोषीय घाटे के लिए कर सकता है खर्चों में कटौती: मूडीज

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने आज कहा कि उसे उम्मीद है कि भारत का अनुमानित राजकोषीय घाटा जीडीपी के 3.3 फीसद पर बना रह सकता है। यहां तक कि वो लक्ष्य में भटकाव की स्थिति में अपने पूंजीगत खर्चों में भी कटौती कर सकता है।

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एजेंसी ने हालांकि यह भी कहा कि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के संदर्भ में पेट्रोलियम और डीजल उत्पादों पर हुई एक्साइज ड्यूटी में कटौती भारत की संप्रभु क्रेडिट प्रोफाइल पर नकारात्मक दबाव डालेगी। मूडीज ने बीते साल करीब 13 साल बाद भारत की रेटिंग में स्टेबल आउटलुक के साथ बदलाव किया था। एजेंसी का कहना है कि विकास के परिदृश्य में सुधार हुआ है और लगातार संरचनात्मक और आर्थिक सुधार देखने को मिले हैं।

मूडीज ने उम्मीद जताई है कि भारत सरकार वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान जीडीपी के अनुपात में 3.3 फीसद के अपने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पा सकता है, क्योंकि सरकार राजकोषीय समेकन और अपनी बजट धारणाओं के प्रति प्रतिबद्ध है। मूडीज के वीपी और सीनियर क्रेडिट ऑफिसर विलियम फोस्टर ने बताया, “हालांकि मूडीज को बजट राजस्व और व्यय लक्ष्य के मोर्चे पर कुछ नकारात्मक जोखिम नजर आते हैं, उसे उम्मीद है कि सरकार इसके लिए योजनागत पूंजीगत खर्चों में कटौती कर सकती है, जैसा कि बीते कुछ वर्षों में हुआ है, अगर राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करने में इसकी जरूरत पड़ती है तो।”


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