मूडीज ने फिर घटाया भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान, RBI रेपो रेट में कर सकता है 40 bps की कटौती
हालांकि अब खपत मांग में भी नरमी बनी हुई है जिससे मौजूदा नरमी को लेकर समस्या बढ़ रही है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। आर्थिक मोर्चे पर लगातार चुनौती झेल रही सरकार के लिए एक बार फिर बुरी खबर आई है। गुरुवार को मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 5.8 फीसद से घटाकर 5.6 फीसद कर दिया है। मूडीज ने कहा कि जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में नरमी उम्मीद से ज्यादा लंबी अवधि तक खींच गई है, इसलिए उसे अपने अनुमान में कमी करना पड़ा है। दूसरी ओर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया आने वाले समय में रेपो रेट में और कटौती कर सकता है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि RBI फरवरी 2020 तक रीपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती करेगा।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने कहा, 'हमने भारत के लिए आर्थिक वृद्धि के अनुमान को कम कर दिया है। 2019-20 में इसके 5.6 फीसद रहने का अनुमान है जो 2018-19 में 7.4 फीसद थी।' मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने माना है कि 2020-21 और 2021-22 में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी और यह क्रमश: 6.6 प्रतिशत तथा 6.7 प्रतिशत रह सकती है। लेकिन पिछले वर्षों की तुलना के अनुसार धीमी गति से वृद्धि होगी।
उसने कहा, 'भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2018 के मध्य से धीमी पड़ रही है। वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 2019 की दूसरी तिमाही में करीब 8 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत पर आ गई। बेरोजगार बढ़ रही है।’
मूडीज के मुताबिक, 'निवेश गतिविधियां पहले से धीमी है, लेकिन खपत के लिए मांग की वजह से अर्थव्यवस्था में तेजी बनी हुई थी। हालांकि, अब खपत मांग में भी नरमी बनी हुई है, जिससे मौजूदा नरमी को लेकर समस्या बढ़ रही है।'