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जीएसटी: अब मंथली रिटर्न भरना होगा जरूरी

भारत सरकार के कर विभाग ने बीते मंगलवार को जीएसटी के संदर्भ में दो और मसौदे जारी किए। इन मसौदों में जीएसटी (वस्तु एवं सेवाकर) रिटर्न व रिफंड पर नियमों व उनके प्रारूप का उल्लेख है।

By Praveen DwivediEdited By: Published: Wed, 28 Sep 2016 12:38 PM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2016 06:11 PM (IST)
जीएसटी: अब मंथली रिटर्न भरना होगा जरूरी

नई दिल्ली: भारत सरकार के कर विभाग ने बीते मंगलवार को जीएसटी के संदर्भ में दो और मसौदे जारी किए। इन मसौदों में जीएसटी (वस्तु एवं सेवाकर) रिटर्न व रिफंड पर नियमों व उनके प्रारूप का उल्लेख है। इन मसौदे के तहत अब करदाताओं को टैक्स, ब्याज और शुल्क रिफंड के क्लेम के लिए मासिक रिटर्न भरना होगा। साथ ही उन्हें इसकी तय प्रक्रिया का पालन भी करना होगा। वहीं भागीदारों को उक्त मसौदा नियमों पर टिप्पणी के लिए आज (बुधवार) तक का समय दिया गया है।

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जीएसटी की दूसरी बैठक में इन नियमों पर होगी आखिरी बात:

इस मसौदे में जिन नियमों का उल्लेख किया गया है उन्हें वस्तु व सेवा कर (GST) काउंसिल की दूसरी बैठक में अंतिम रुप दिया जाएगा। जीएसटी काउंसिल की दूसरी बैठक 30 सितंबर को होने वाली है। गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी सरकार 1 अप्रैल 2017 तक जीएसटी को पूरे देश में लागू करवाना चाहती है।

क्या होंगे नियम?:

अब रिफंड के नियमों के अंतर्गत हर पंजीकृत करदाता को एक निश्चित फॉर्म (जीएसटीआर-3) में मासिक रिटर्न दाखिल करना होगा। वहीं इस तरह के हर करदाता के लिए सालाना रिटर्न इलेक्ट्रोनिक रूप से दाखिल करने के सुविधा दी जाएगी। नियम के मुताबिक कराधान के दायरे में आने वाले उस व्यक्ति को सालाना रिटर्न दाखिल करना होगा, जिसका सालाना का कारोबार एक वित्त वर्ष में एक करोड़ रुपए से ज्यादा का है।


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