Monsoon Session 2022: क्रिप्टो करेंसी और बैंक निजीकरण पर मानसून सत्र में क्या होगा, सरकार अब तक नहीं बना सकी अपनी राय
दो सरकारी बैंकों के निजीकरण की घोषणा को अलमी जामा पहनाने के लिए जरूरी कानून संशोधन को लेकर केंद्र सरकार अभी तक दो टूक राय नहीं बना पाई है। मानसून सत्र में संबंधित विधेयक पेश किया जाएगा या नहीं इसको लेकर वित्त मंत्रालय के अधिकारी पेशोपेश में हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दो सरकारी बैंकों के निजीकरण की घोषणा को अलमी जामा पहनाने के लिए जरूरी कानून संशोधन को लेकर केंद्र सरकार अभी तक दो टूक राय नहीं बना पाई है। यही वजह है कि सोमवार से शुरू होने वाले मानसून सत्र में इस बारे में संबंधित विधेयक पेश किया जाएगा या नहीं, इसको लेकर वित्त मंत्रालय के अधिकारी पेशोपेश में हैं। अधिकारियों का कहना है कि उनके स्तर पर तैयारी पूरी है, लेकिन फैसला पूरी तरह से उच्च स्तर पर होगा। बैंक निजीकरण को लेकर विधेयक पेश करने बारे में अंतिम समय में ही फैसला होगा।
कुछ इसी तरह की स्थिति क्रिप्टोकरेंसी को निगमित करने वाले विधेयक को लेकर भी है। सरकार ने पिछले साल सारी तैयारियों के बावजूद अंतिम समय में मानसून सत्र में क्रिप्टोकरेंसी विधेयक और शीतकालीन सत्र में बैंक निजीकरण संबंधी विधेयक को पेश नहीं किया था।
सरकार की आर्थिक नीतियों से जुड़े उक्त दोनों विधेयकों की बात अलग- अलग कर दें तो आर्थिक क्षेत्र से जुड़े दूसरे कई ऐसे विधेयक हैं जिन्हें पेश किये जाने की पूरी तैयारी है। इसमें एक विधेयक मौजूदा प्रतिस्पर्धा कानून, 2002 में संशोधन करने को लेकर है जबकि दिवालिया कानून (आइबीसी- इंसॉल्वेंसी व बैंक्रप्सी कोड, 2016) को लेकर है। इसकी जानकारी लोकसभा की बुलेटिन में भी दी गई है। यह पिछले दो वर्षों में आइबीसी में किया जाने वाला तीसरा संशोधन विधेयक है।
नये विधेयक के जरिए अब सरकार भारत में दिवालिया होने वाली इकाइयों की विदेशों में स्थित परिसंपत्तियों को बेचने का प्रावधान करेगी। साथ ही कुछ प्रावधान दिवालिया प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से पूरा करने को लेकर संशोधन के जरिए जोड़े जाएंगे। प्रतिस्पर्धा कानून में संशोधन सरकार हाल के वर्षों में हो चुके बदलावों के मद्देनजर कर रही है।इसके अलावा मल्टी स्टेट कोआपरेटिव सोसायटीज (संशोधन) विधेयक भी पेश किया जाना है।
वेयरहाउसिंग एंड रेगुलेशन विधेयक में भी संशोधन विधेयक सरकार पेश करेगी जिसका उद्दे्श्य किसानों को आसानी से वेयरहाउसिंग की सुविधा उपलब्ध कराने का होगा। खास तौर पर अत्याधुनिक आधार पर वेयरहाउसिंग सुविधाओं को पुरे देश में लगाने पर जोर दिया जाएगा। लोक सभा की तरफ से जारी बुलेटिन के मुताबिक दो दर्जन विधेयक इस बार पेश करने की तैयारी है।
जहां तक बैंक निजीकरण विधेयक की बात है तो इस बारे में वर्ष 2021-22 के आम बजट में घोषणा की गई थी। लेकिन अभी तक इसका विधेयक पेश नहीं किया जा सका है। पिछले वर्ष वित्त मंत्रालय की पूरी तैयारी के बावजूद शीतकालीन सत्र में इसे पेश नहीं किया जा सका। बाद में बताया गया कि उत्तर प्रदेश और दूसरे राज्यों के चुनाव के मुद्देनजर ऐसा किया गया है। हाल ही में नीति आयोग की तरफ से देश को दो सरकारी बैंकों इंडिनय ओवरसीज बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के निजीकरण की सिफारिश की गई थी।