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    Modi Trump Meeting: भारत को क्या मिला, क्या अब टैरिफ की चिंता करने की जरूरत नहीं?

    Updated: Fri, 14 Feb 2025 02:46 PM (IST)

    ट्रंप को सबसे अधिक दिक्कत भारत के साथ व्यापार घाटे को लेकर है। अमेरिका का भारत के साथ व्यापार घाटा 45.6 बिलियन डॉलर है। अमेरिका में औसत टैरिफ 2.2 फीसदी रही है वहीं भारत में यह औसतन 12 फीसदी है। ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान भी टैरिफ मुद्दे को लेकर भारत पर निशाना साधा था। उन्होंने इस बार कहा कि टैरिफ मुद्दे को संतुलित करने की जरूरत है।

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    अमेरिका का भारत के साथ व्यापार घाटा 45.6 बिलियन डॉलर है।

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल में टैरिफ मुद्दे को लेकर काफी मुखर हैं। इससे भारत समेत कई देश चिंतित हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने अमेरिका जाकर ट्रंप से मुलाकात भी की है। इस मुलाकात के गहरे मायने हैं। आइए जानते हैं कि मोदी-ट्रंप मीटिंग से भारत को टैरिफ में कोई राहत मिली या नहीं।

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    भारत-अमेरिका के बीच विवाद क्या है?

    ट्रंप को सबसे अधिक दिक्कत भारत के साथ व्यापार घाटे को लेकर है। अमेरिका का भारत के साथ व्यापार घाटा 45.6 बिलियन डॉलर है। अमेरिका में औसत टैरिफ 2.2 फीसदी रही है, वहीं भारत में यह औसतन 12 फीसदी है। ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान भी टैरिफ मुद्दे को लेकर भारत पर निशाना साधा था। उन्होंने इस बार भी दोहराया है कि भारत को टैरिफ मुद्दे को संतुलित करने की जरूरत है।

    मोदी-ट्रंप के बीच क्या बात हुई?

    पीएम मोदी ने कहा, "एक बात जो मैंने राष्ट्रपति ट्रंप से सीखी है, वो यह है कि वे राष्ट्रीय हित को सर्वोच्च मानते हैं। उनकी तरह मैं भी भारत के राष्ट्रीय हित को हर चीज से ऊपर रखता हूं।" दोनों नेताओं ने आपसी व्यापार को बढ़ाने पर काफी जोर दिया।

    पीएम मोदी ने 2030 तक अमेरिका के साथ ट्रेड डबल करने की बात कही है। वहीं, ट्रंप ने कहा, "हम भारत को कई अरब डॉलर की रक्षा बिक्री करेंगे। हम भारत को एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट बेचने का तरीका भी तलाशेंगे।' उन्होंने कहा कि वह और पीएम मोदी ऐसे समझौते पर पहुंचे हैं, जो अमेरिका को भारत का नंबर वन तेल और गैस सप्लायर देश बना सकता है।

    क्या ट्रंप ने भारत को कोई राहत दी?

    ट्रंप ने टैरिफ के मोर्चे पर भारत को कोई राहत नहीं दी। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि अमेरिका भारत समेत सभी देशों पर जैसे को तैसा टैरिफ (रेसिप्रोकल टैरिफ) लगाएगा। इसका मतलब कि जो देश अमेरिकी सामान पर जितना टैरिफ लगाएगा, अमेरिका भी उस देश के सामान पर उतना ही टैरिफ लगाएगा। यह भारत के लिए बड़ी चिंता की बात है, क्योंकि भारत सबसे अधिक निर्यात अमेरिका को ही करता है।

    कब सुलझेगा टैरिफ का मुद्दा?

    ट्रंप टैरिफ वॉर का इस्तेमाल करके दूसरे देशों पर दबाव बनाना चाहते हैं। इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को काफी फायदा होने की उम्मीद है। हालांकि, इससे महंगाई बढ़ने का जोखिम भी रहेगा। ट्रंप पहले ही कह चुके हैं कि उन्हें महंगाई बढ़ने की परवाह नहीं है। उन्होंने कहा कि आखिर में चीजें सस्ती होंगी और इसमें अमेरिका का ही फायदा रहेगा।

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