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विदेशी निवेश लाने की तैयारी में बनेगा एमएसएमई स्टॉक एक्सचेंज, वित्‍त मंत्रालय से विचार-विमर्श जारी

एमएसएमई मंत्रालय के मुताबिक जल्द ही सभी स्टॉक एक्सचेंज की बैठक बुलाई जाएगी। वित्त मंत्रालय से भी विचार-विमर्श किया जा रहा है।

By Manish MishraEdited By: Published: Tue, 16 Jun 2020 08:03 AM (IST)Updated: Tue, 16 Jun 2020 06:22 PM (IST)
विदेशी निवेश लाने की तैयारी में बनेगा एमएसएमई स्टॉक एक्सचेंज, वित्‍त मंत्रालय से विचार-विमर्श जारी
विदेशी निवेश लाने की तैयारी में बनेगा एमएसएमई स्टॉक एक्सचेंज, वित्‍त मंत्रालय से विचार-विमर्श जारी

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सरकार एमएसएमई सेक्टर में भी विदेशी निवेश लाने की तैयारी कर रही है। इस दिशा में मंत्रालय की तरफ से एमएसएमई स्टॉक एक्सचेंज लाने की योजना बनाई जा रही है। एमएसएमई मंत्रालय के मुताबिक जल्द ही सभी स्टॉक एक्सचेंज की बैठक बुलाई जाएगी। वित्त मंत्रालय से भी विचार-विमर्श किया जा रहा है। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक एमएसएमई के लिए अलग से स्टॉक एक्सचेंज नहीं होगा। यह बांबे स्टॉक एक्सचेंज या नेशनल स्टॉक एक्सचेंज से जुड़ा हो सकता है। लेकिन इसके प्रारूप को तय करने के लिए ही सभी स्टॉक एक्सचेंज के साथ बैठक की जाएगी।

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मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक एमएसएमई सेक्टर में विदेशी निवेश लाने के लिए सरकार बेहतर प्रदर्शन कर रही एमएसएमई में अपना शेयर खरीदेगी। शेयर खरीदने से पहले मंत्रालय की तरफ से विभिन्न आधार पर एमएसएमई की रेटिंग की जाएगी। फिर उस एमएसएमई को स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया जाएगा। एमएसएमई में सरकार की तरफ से शेयर खरीदने के लिए आत्मनिर्भर पैकेज में 50,000 करोड़ के फंड ऑफ फंड की घोषणा की गई है। 

मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक सरकारी शेयर वाली एमएसएमई स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध होगी तो उस कंपनी के प्रति देसी के साथ विदेशी निवेशकों में भी भरोसा पैदा होगा और विदेशी निवेशक आकर्षित होंगे। कंपनी की शेयर प्राइस अच्छी होने पर सरकार अपनी हिस्सेदारी बेच देगी। सरकार फिर उसी रकम से दूसरी एमएसएमई में शेयर खरीदेगी। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक इस प्रकार शेयर खरीदारी के जरिए एमएसएमई को मजबूत करने की प्रणाली तैयार हो जाएगी। इस काम को बेहतर तरीके से अंजाम देने के लिए ही एमएसएमई स्टॉक एक्सचेंज स्थापना करने की पहल की जा रही है।

कर्ज मिलने में दिक्कत होने पर मंत्रालय के चैंपियन पोर्टल पर करें शिकायत 

एमएसएमई मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि उद्यमियों को अगर गिरवी मुक्त कर्ज देने में बैंकों की तरफ से किसी प्रकार की आनाकानी की जा रही है तो उन्हें मंत्रालय के चैंपियन पोर्टल पर शिकायत करनी चाहिए। इस पोर्टल पर शिकायत करते ही मंत्रालय की तरफ से गठित टीम उस उद्यमी को कर्ज दिलाने में मदद करेगी। कर्ज देने से मना करने वाले बैंकों से भी पूछताछ की जाएगी। 

हालांकि, चैंपियन पोर्टल के जरिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से भी यह जानकारी जुटाई जा रही है कि कर्ज वितरण में बैंकों का क्या रवैया है। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक गत 11 जून तक बैंकों ने एमएसएमई के लिए 29,490 करोड़ रुपये के गिरवी मुक्त कर्ज की मंजूरी दी थी और 14,690 करोड़ रुपयेका भुगतान किया जा चुका था। राहत पैकेज के तहत एमएसएमई को 3 लाख करोड़ रुपये के कर्ज वितरित किए जाने का लक्ष्य है।


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