जीएसटी पर वित्त मंत्रियों की समिति के अध्यक्ष बने मित्रा
पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा जीएसटी पर विचार कर रही राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकारप्राप्त समिति के नए अध्यक्ष होंगे। मित्रा के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती गैर-भाजपा शासित राज्यों को साथ लेकर जीएसटी के क्रियान्वयन की राह आसान बनाने की होगी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा जीएसटी पर विचार कर रही राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकारप्राप्त समिति के नए अध्यक्ष होंगे। मित्रा के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती गैर-भाजपा शासित राज्यों को साथ लेकर जीएसटी के क्रियान्वयन की राह आसान बनाने की होगी।
मित्रा केरल के वित्त मंत्री के एम मणि का स्थान लेंगे जिन्हें पिछले साल नवंबर में भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। मित्रा का चुनाव राज्यों के वित्त मंत्रियांे की बैठक में किया गया। इस बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली भी मौजूद थे। हालांकि अस्वस्थ होने की वजह से मित्रा बैठक में नहीं आ सके और उन्हें फोन पर इसकी जानकारी दी गई।
मित्रा 2011 में राजनीति में आए और तृणमूल कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद उन्हें वित्त मंत्री बनाया गया। इससे पहले वह प्रमुख उद्योग संगठन फिक्की के महासचिव थे। उल्लेखनीय है कि बहुप्रतीक्षित वस्तु एवं सेवा कर कांग्रेस के विरोध के चलते राज्य सभा में लंबित है। इस विधेयक के मसौदे को राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकारप्राप्त समिति मंजूरी दे चुकी है तथा लोक सभा से भी यह पारित हो चुका है लेकिन कांगे्रस की मांगों के चलते यह ऊपरी सदन में फंसा हुआ है।
तृणमूल कांग्रेस जीएसटी का समर्थन कर रही है। इस बीच मित्रा ने कहा है कि राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकारप्राप्त समिति के तौर पर उनकी कोशिश सभी राज्यों को साथ लेकर चलने की होगी।
मित्रा की अध्यक्षता वाली राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकारप्राप्त समिति की अब प्रमुख जिम्मेदारी प्रस्तावित जीएसटी के क्रियान्वयन के लिए नियम बनाना बड़ी चुनौती होगी।
वित्त मंत्रियों की अधिकारप्राप्त समिति का अध्यक्ष हमेशा ही विपक्षी दल के शासन वाले राज्य का वित्त मंत्री होता है। इससे पूर्व संप्रग सरकार के कार्यकाल में पश्चिम बंगाल की वाम मोर्चा सरकार के तत्कालीन वित्त मंत्री असीम दास गुप्ता इसके अध्यक्ष थे। हालांकि वाम मोर्चा सरकार की हार के बाद उन्हें यह पद छोड़ना पड़ा। इसके बाद बिहार के तत्कालीन वित्त मंत्री सुशील मोदी इसके अध्यक्ष बने लेकिन राजग में शामिल जदयू के अलग होने के बाद उन्हें भी इस समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा। मोदी के बाद जम्मू कश्मीर के वित्त मंत्री अब्दुल रहीम राथेर इसके अध्यक्ष बने।