भारत को तरजीही देश का दर्जा देने की वकालत
नई दिल्ली। भारत को सबसे तरजीही राष्ट्र [एमएफएन] का दर्जा देने की पाकिस्तानी उद्योगपतियों ने वकालत की है। उनका कहना है कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने के लिए एक उदार वीजा व्यवस्था सहित हर तरह के प्रयास शुरू किए जाने चाहिए। फेडरेशन ऑफ पाकिस्तान चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रेसीडेंट जुबैर अहमद मलिक ने
नई दिल्ली। भारत को सबसे तरजीही राष्ट्र [एमएफएन] का दर्जा देने की पाकिस्तानी उद्योगपतियों ने वकालत की है। उनका कहना है कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने के लिए एक उदार वीजा व्यवस्था सहित हर तरह के प्रयास शुरू किए जाने चाहिए।
फेडरेशन ऑफ पाकिस्तान चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रेसीडेंट जुबैर अहमद मलिक ने शुक्रवार को कहा कि कारोबार बढ़ाने के लिए नकारात्मक सूची को कम करने की भी जरूरत है। उद्योग संगठन फिक्की के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि भारत को तरजीही देश का दर्जा अवश्य दिया जाना चाहिए। हम अपनी सरकार से यह अनुरोध कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच व्यापार फले-फूले। यह तभी हो सकता है जब लोग बिना किसी रोकटोक के एक दूसरे देश में जा सकें। इसके लिए दोनों देशों की सरकारों को वीजा व्यवस्था उदार बनाना चाहिए। मलिक पाकिस्तान के व्यापारियों का प्रतिनिधिमंडल लेकर भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में हिस्सा लेने आए हैं।
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उन्होंने कहा कि हम अपने पड़ोसियों को भूलकर दूरदराज के देशों से व्यापार बढ़ाने की सोचते हैं। हमें लीक से हटकर सोचना होगा और पाबंदियों में ढील देनी होगी। मालूम हो कि पाकिस्तान व्यापार के लिए नकारात्मक सूची की व्यवस्था समाप्त करने और भारत को एमएफएन का दर्जा देने की 31 दिसंबर, 2012 की समय सीमा पहले ही चूक गया है। वहीं, भारत 1996 में ही पाकिस्तान को सबसे तरजीही राष्ट्र का दर्जा दे चुका है।
पाकिस्तान उच्चायोग में व्यापार मंत्री नईम अनवर ने इस मौके पर कहा कि फार्मा जैसे कुछ क्षेत्रों द्वारा चिंता जताए जाने की वजह से भारत को एमएफएन का दर्जा देने की समय सीमा में चूक हुई है। हालांकि, पाकिस्तान ने इन क्षेत्रों के साथ परामर्श की प्रक्रिया पूरी कर ली है। उम्मीद है कि इस मामले में जल्द ही दोबारा बातचीत शुरू होगी।