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ऑपरेशन ग्रीन के लिए मार्केट इंटेलीजेंस सिस्टम विकसित, टमाटर, प्याज और आलू जैसी फसलों के मूल्यों में उतार-चढ़ाव पर रहेगी नजर

पोर्टल पर टॉप फसलों की खेती का रकबा उत्पादकता उत्पादन बाजार में आमद मूल्य आयात और निर्यात जैसी गतिविधियों की जानकारी रहेगी।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Thu, 27 Feb 2020 08:28 AM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 12:18 PM (IST)
ऑपरेशन ग्रीन के लिए मार्केट इंटेलीजेंस सिस्टम विकसित, टमाटर, प्याज और आलू जैसी फसलों के मूल्यों में उतार-चढ़ाव पर रहेगी नजर

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। ऑपरेशन ग्रीन को कारगर तरीके से लागू करने के लिए सरकार ने टमाटर, प्याज और आलू जैसी संवेदनशील फसलों की उपज को समय से खरीदने की रणनीति तैयार कर ली है। इसके लिए केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने मार्केट इंटेलीजेंस और अर्ली वार्निग सिस्टम विकसित कर लांच कर दिया है। इससे फसल के आने के समय जिंस बाजार में इन कच्ची फसलों के मूल्य में आने वाले उतार-चढ़ाव पर नजर रखी जा सकेगी।

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केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर ने विकसित किये गये मार्केट इंटेलीजेंस सिस्टम पर आधार पोर्टल को लांच करने के बाद कहा कि इससे जिंस बाजार पर कड़ी नजर रखी जा सकेगी। इससे न तो बाजार में किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलने में दिक्कत आयेगी और न ही उपभोक्ता को महंगाई का सामना करना पड़ेगा।

सरकार की इसी मंशा को पूरा करने के लिहाज से ही आपरेशन ग्रीन की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास इन जिंसों टमाटर, प्याज और आलू की कीमतों में तेजी से गिरावट आने की दशा में उनका मंत्रालय बाजार में हस्तक्षेप करते हुए खरीदने उतर जाएगा। इस पोर्टल के माध्यम से बाजार के मिजाज को समय से पहले भांपने में मदद मिल जाएगी।

पोर्टल पर टॉप फसलों की खेती का रकबा, उत्पादकता, उत्पादन, बाजार में आमद, मूल्य, आयात और निर्यात जैसी गतिविधियों की जानकारी रहेगी। खेती की दशा और घरेलू स्टॉक जैसी जानकारी भी उपलब्ध होने से मदद मिलेगी। केंद्रीय मंत्री कौर ने कहा कि उत्पादक मंडियों के साथ खपत वाली मंडियों की जरूरतों का पूरा ध्यान रखा जाएगा।

बाजार में लागत से कम मूल्य होते ही तीन सालों के औसत मूल्य के आधार पर समय पर सरकारी खरीद होने लगेगी। हार्वेस्टिंग के समय मूल्य के 50 फीसद घट जाने पर भी बाजार में सरकार हस्तक्षेप करेगी। उत्पादक मंडियों में अधिक आपूर्ति होने की दशा में सरकार उसे खपत वाले बाजारों में आपूर्ति कराने पर जोर देगी। इन तीनों उत्पादों की मांग आपूर्ति का ध्यान रखते हुए आयात व निर्यात पर फैसले लिये जाएंगे।


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