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Exclusive: BSE ने ITC का मार्केट कैप 75000 Cr. रुपए घटाया, लेकिन सेंसेक्स बेअसर?

ITC की फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन में वाकई अगर यह गिरावट आई है तो इसका असर सेंसेक्स और एक्सचेंज के तमाम उन इंडेक्स पर आना चाहिए जिसमे आइटीसी की हिस्सेदारी है।

By Shubham ShankdharEdited By: Published: Tue, 17 Apr 2018 10:28 PM (IST)Updated: Wed, 18 Apr 2018 04:00 PM (IST)
Exclusive: BSE ने ITC का मार्केट कैप 75000 Cr. रुपए घटाया, लेकिन सेंसेक्स बेअसर?
Exclusive: BSE ने ITC का मार्केट कैप 75000 Cr. रुपए घटाया, लेकिन सेंसेक्स बेअसर?

नई दिल्ली (शुभम शंखधर)। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की वेबसाइट पर एफएमसीजी कंपनी ITC के फ्री फ्लोट बाजार पूंजीकरण में मंगलवार को बड़ा बदलाव किया गया है। सोमवार को सुबह करीब 10 बजे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की वेबसाइट पर आइटीसी का फ्री फ्लोट बाजार पूंजीकरण 3,20,972 करोड़ रुपए था, जिसे आज अचानक 75895 करोड़ रुपए कम करके 2,45,077 करोड़ रुपए कर दिया गया। गौरतलब है कि किसी कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन उसके ट्रेड के लिए उपलब्ध कुल शेयरों की संख्या को शेयर के बाजार भाव से गुणा करने पर मिलता है।

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ITC के बाजार पूंजीकरण में बदलाव का कारण या इससे जुड़ा कोई भी आधिकारिक बयान अभी तक बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ओर से जारी नहीं किया गया है। इस बदलाव से पहले नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर ITC के बाजार पूंजीकरण में 1 लाख करोड़ रुपए का अंतर था।

 

NSE और BSE की वेबसाइट पर फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन में 1 लाख करोड़ का अंतर दिखने के बाद हमने दोनों एक्सचेंज से इसका कारण जानने की कोशिश की। जवाब में बीएसई ने वेबसाइट पर डेटा अपडेट करने की जानकारी दी। लेकिन इसका कोई कारण या स्पष्ट वजह नहीं बताई।

विशेषज्ञ का नजरिया
इंडेक्स जीनियस इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स के निदेशक (रिसर्च) अमित हारचेकर से जब हमने इस विषय में बात की तो उनका कहना था एक्सचेंज पर अचानक किसी हेवीवेट स्टॉक के मार्केट कैपिटलाइजेशन में इतना बड़ा बदलाव निश्चित तौर पर चौंकाने वाला है और इसकी जांच होनी चाहिए।

उनका मानना है कि अगर वाकई ITC की फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन में अगर वाकई यह गिरावट आई है तो इसका असर सेंसेक्स और एक्सचेंज के तमाम उन इंडेक्स पर आना चाहिए जिसमे आइटीसी की हिस्सेदारी है। अमित के मुताबिक 3,20,972 करोड़ के बाजार पूंजीकरण के हिसाब से सेंसेक्स में आइटीसी का वेटेज 9.5 फीसद था, जो नए 2,45,077 के हिसाब से करीब 7 फीसद हो जाना चाहिए।

सेंसेक्स में भारी भरकम हिस्सेदारी रखने वाले ITC के बाजार पूंजीकरण में एकाएक 75895 करोड़ रुपए का बदलाव निश्चित तौर पर कई सवाल खड़े करता है। मसलन,

  • ITC के बाजार पूंजीकरण में इस बड़े बदलाव की क्या वजह है?
  • ITC के बाजार पूंजीकरण में इस बदलाव का असर क्या बुधवार के सत्र में सेंसेक्स पर दिखेगा? क्योंकि इंडेक्स का निर्माण कंपनी की फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से होता है। बाजार पूंजीकरण में गिरावट के बाद सेंसेक्स में गिरावट स्वाभाविक है।
  • सेंसेक्स के साथ साथ तमाम उन इंडेक्स पर भी क्या इसका असर दिखेगा जिसमें आइटीसी की हिस्सेदारी है।
  • देश के दोनों एक्सचेंज (NSE और BSE) का एक ही नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) है, ऐसे में यह स्वाभाविक है कि दोनो एक्सचेंज के कामकाज करने के नियम भी समान हैं। फिर ऐसा कैसे संभव हो सकता है कि किसी कंपनी के बाजार पूंजीकरण में इतना अंतर था? क्या नियामक इस मुद्दे पर जांच करेगा?

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