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Manufacturing PMI: नवंबर में भी विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में रही वृद्धि, फिर भी रोजगार के अवसर में आई कमी

Manufacturing PMI नए ऑर्डर में धीमी वृद्धि निर्यात और खरीदारी में कमी की वजह से भारत के विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियां नवंबर में तीन माह के निचले स्तर पर आ गईं। मंगलवार को एक मासिक सर्वेक्षण में ऐसा कहा गया है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 11:46 AM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 07:55 AM (IST)
PMI पर 50 से ऊपर का आंकड़ा वृद्धि जबकि उससे नीचे का आंकड़ा संकुचन को दिखाता है। (PC: AP)

नई दिल्ली, पीटीआइ। नए ऑर्डर में मजबूत वृद्धि की बदौलत नवंबर में भी देश की विनिर्माण गतिविधियों में वृद्धि देखने को मिली। हालांकि, पिछले तीन माह के मुकाबले नए ऑर्डर में धीमी वृद्धि, निर्यात और खरीदारी में कमी की वजह से भारत के विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियां नवंबर में तीन माह के निचले स्तर पर आ गईं। मंगलवार को एक मासिक सर्वेक्षण में ऐसा कहा गया है। IHS Markit का इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग इंडेक्स (PMI) नवंबर में घटकर 56.3 पर रह गया जो अक्टूबर में 58.9 पर था। PMI पर 50 से ऊपर का आंकड़ा वृद्धि जबकि उससे नीचे का आंकड़ा संकुचन को दिखाता है।

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ऐसे में नवंबर का आंकड़ा इस बात को दिखाता है कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में वृद्धि अब भी मजबूत बनी हुई है। 

आईएचएस मार्किट में एसोसिएट डायरेक्टर (इकोनॉमिक्स) पालियाना डि लीमा ने कहा, ''नवंबर में नए ऑर्डर उत्पादन में मजबूती वृद्धि की वजह से भारतीय विनिर्माण सेक्टर रिकवरी के सही रास्ते पर रही।''

लिमा ने साथ ही कहा कि नवंबर में विनिर्माण गतिविधियों की वृद्धि दर में आई कमी किसी बड़े झटके को नहीं दिखाती है क्योंकि इसमें अक्टूबर के मुकाबले कमी आई है। उल्लेखनीय है कि अक्टूबर में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की गतिविधियां एक दशक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी। हालांकि, उन्होंने आगाह किया कि कोविड-19 के मामलों में वृद्धि और उस वजह से प्रतिबंध लगने से रिकवरी की राह कमजोर पड़ सकती है। 

सर्वेक्षण के मुताबिक कुल नए ऑर्डर्स में पिछले तीन माह में सबसे धीमी वृद्धि देखने को मिली। 

इस सर्वे के मुताबिक कंपनियों ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के बावजूद मांग में लचीलता की वजह से बिक्री में वृद्धि देखने को मिली। लिमा ने कहा, ''कंपनियों ने कहा है कि नवंबर में वृद्धि पर महामारी का सबसे ज्यादा असर देखने को मिला क्योंकि कोविड-19 से जुड़ी अनिश्चितताओं से कारोबारी विश्वास में कमी आई।'' 

हालांकि, नौकरियों में पिछले महीने भी छंटनी देखने को मिली क्योंकि सोशल डिस्टेंसिंग से जुड़े दिशा-निर्देशों का असर कंपनियों के कामकाज पर पड़ा है। 


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