पिछले से कितना 'सहज' हुआ नया इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म, यहां जानिए
साल 2018-19 के आईटीआर में अब आपको नोटबंदी के दौरान जमा की गई नकदी की जानकारी नहीं देनी होगी
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी) की ओर से बीते हफ्ते गुरुवार को ही नए इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म को जारी कर दिया गया हैं। विभाग की ओर से अधिसूचित किए गए नए फॉर्म में कुछ नए कॉलम जोड़े गए हैं, जबकि कुछ को हटाया गया है। अगर आप यह बात नहीं जानते हैं कि वित्त वर्ष 2017-18 और वित्त वर्ष 2018-19 के आईटीआर-1 (सहज) फॉर्म में क्या अंतर है और नए फॉर्म में क्या कुछ बदलाव किए गए हैं तो यह खबर आपके काम की हैं। हम अपनी इस खबर में नए सहज फॉर्म में हुए बदलावों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आईटीआर की आखिरी तारीख 31 जुलाई, 2018 है।
ITR-1 सहज में किए गए ये बड़े बदलाव:
फॉर्म में करना होगा सैलरी ब्रेकअप का जिक्र: सबसे अहम बदलाव यह है कि अब नौकरीपेशा लोगों को इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय अपना सैलरी ब्रेकअप देना होगा। वहीं व्यापारियों को जीएसटी नंबर और टर्नओवर को जानकारी रिटर्न भरते समय देनी होगी। अभी तक यह विवरण सिर्फ फॉर्म 16 में ही भरा जाता था और इसका खुलासा किए जाने की जरूरत कभी भी सामने नहीं आई।
अब नहीं देनी होगी नोटबंदी में जमा की डिटेल: साल 2018-19 के लिए जारी किए गए फॉर्म में एक बड़ा बदलाव यह किया गया है कि फॉर्म के पार्ट E में अन्य जानकारियों वाले कॉलम में अब आपको नोटबंदी के दौरान नकदी जमा की जानकारी नहीं देनी होगी। अब इस कॉलम को खत्म कर दिया गया है।
अब सिर्फ रेजिडेंट इंडीविजुअल ही भर पाएंगे आईटीआर-1: इससे पहले आईटीआर-1 सहज फॉर्म को रेजिडेंट, रेजिडेंट नॉट ऑर्डिनियरी रेजिडेंट (आरएनओआर) और नॉन रेजिडेंट भी भर सकते थे, लेकिन अब इसे सिर्फ रेजिडेंट इंडीविजुअल्स ही भर सकेंगे।
ITR -2 फॉर्म भी बदला: सीबीडीटी ने कहा कि व्यक्तिगत लोगों और हिंदू अविभाजित परिवारों के लिए, जिनकी आमदनी कारोबार या पेशे से अलग हटकर किसी अन्य मद से आती है, के लिए ITR- 2 को भी तर्कसंगत किया गया है।
अचल संपत्ति की आय का भी करना होगा खुलासा: अब आपको अपनी अचल संपत्ति (हाउसिंग प्रॉपर्टी) के जरिए होने वाली आय का पूरा ब्रेकअप देना होगा जिसका उल्लेख पहले सिर्फ आईटीआर-2 और अन्य फॉर्म में करना होता था।
जारी रहेगी ये व्यवस्था: तमाम आईटीआर फॉर्म में से सबसे प्रमुख ITR-1 या सहज फॉर्म है, जिसे वेतनभोगी करदाताओं की ओर से भरा जाता है। बीते साल की तरह ही इस बार भी 50 लाख रुपये तक की आमदनी और एक घर वाले वेतनभोगी करदाताओं के लिए एक पन्ने का ITR- 1 या सहज फॉर्म लाया गया है।