LoU बैन का पश्चिम बंगाल की ज्वैलरी इंडस्ट्री पर नहीं पड़ेगा असर
रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद का मानना है कि एलओयूू बैन से पश्चिम बंगाल के रत्न एवं आभूषण उद्योग पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। ट्रेड फाइनेंस इंस्ट्रूमेंट के रूप में लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoU) पर आरबीआई की ओर से लगाया गया बैन का पश्चिम बंगाल के रत्न एवं आभूषण उद्योग पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। लेकिन बैंक के क्रेडिट मार्जिन में बढ़ोतरी से जेम्स एंड ज्वैलरी कारोबार को नुकसान हो सकता है। यह बात जीजेईपीसी के एक अधिकारी ने कही है।
रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंकज पारेख ने बताया कि इस साधन (एलओयू) का इस्तेमाल मुख्य रूप से आयात के लिए कुछ जौहरियों की ओर से किया गया था लेकिन बंगाल आभूषण निर्माताओं के लिए शायद ही कोई आयात घटक शामिल था। अगले साल कोलकाता में 3-दिवसीय अंतरराष्ट्रीय आभूषण प्रदर्शनी की घोषणा के लिए आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में पारेख ने कहा कि इस प्रतिबंध का इस क्षेत्र के जौहरियों पर कोई असर नहीं होगा।
बुलियन जेम्स एंड ज्वैलरी एसोसिएशन के सेक्रेटरी (पश्चिम बंगाल) रवि करेल ने बताया इससे पहले 85 फीसद के क्रेडिट मार्जिन की मांग की गई थी, लेकिन अब 150 फीसद के बराबर मार्जिन की मांग की जा रही है। करीब 13,000 करोड़ रुपए के पीएनबी स्कैम (जिसमें मुख्य आरोपी नीरव मोदी हैं) के बाज जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर को बैंकों की ओर से दिया जाने वाला कर्ज भी कम हो सकता है। बैंकों ने अब कर्ज को लेकर ज्यादा सतर्कता बढ़ा दी है।