मजबूत स्थिति में अर्थव्यवस्था, बड़े बदलाव का असर दिखने में लगेगा वक्त: वित्त मंत्री
अरुण जेटली का कहना है कि देश की अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में है
नई दिल्ली (जेएनएन)। मंगलवार को आयोजित की गई एक प्रेस कांफ्रेंस में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में है और इसमें जहां जरूरत होगी मदद की जाएगी। जेटली ने यह भी कहा कि बदलावों के लाभ बाद में पता चलते हैं। वहीं आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष गर्ग ने कहा कि वित्तीय घाटे का लक्ष्य 3 फीसद रहने का अनुमान है।
महंगाई और जीडीपी:
वहीं महंगाई और जीडीपी पर बोलते हुए सुभाष गर्ग ने कहा कि साल 2014 के बाद से ही महंगाई में लगातार कमी आई है। उन्होंने कहा कि जीडीपी में तेज बढ़त की तैयारी है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बीते तीन सालों के दौरान जीडीपी ने 7.5 फीसद की ग्रोथ दिखाई है। जीएसटी पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि जीएसटी रिफॉर्म्स से अर्थव्यवस्था में मजबूती आई है।
जीएसटी और वित्तीय घाटा: 1 जुलाई 2017 को देशभर में लागू हुए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर प्रतिक्रिया देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि बड़े बदलाव का असर दिखने में थोड़ा वक्त लगता है। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष गर्ग ने बताया कि वित्तीय घाटे का लक्ष्य 3 फीसद रहने का अनुमान है।
बढ़ाए जाएंगे पूंजीगत खर्चे:
आर्थिक मामलों के सचिव अशोक लवासा ने बताया कि सरकारी खर्चों को बढ़ाकर इकोनॉमी को बूस्ट देने की तैयारी की गई है। उन्होंने आगे कहा कि 5.35 लाख करोड़ रुपए की लागत से 34,800 किलोमीटर रोड भारत माला परियोजना लागू होगी और पूर्वी और पश्चिम बॉर्डर पर 3,300 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जाएगा।
भारतमाला प्रोजेक्ट को कैबिनेट की मंजूरी:
सरकार के महत्वाकांक्षी भारतमाला प्रोजेक्ट के पहले चरण को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। इस अहम प्रोजेक्ट के तहत पहले चरण में 24800 किलोमीटर का नेशनल हाइवे बनाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के लिए अगले 3-6 महीने में बोलियां मंगाई जाएंगी। वित्त वर्ष 2018 में 4500 किमी हाइवे के लिए ठेके दिए जाएंगे। इस प्रोजेक्ट के तहत हर साल 7,000-10,000 किमी सड़क बनेगी। सरकार प्रोजेक्ट की लागत का 20 फीसद अपनी तरफ से देगी।
सरकारी बैंकों को बड़ी सौगात:
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पुनर्पूंजीकरण (रिकैपेटेलाइजेशन) के लिए 2.11 लाख करोड़ रुपए दिए जाएंगे। वहीं 1.35 लाख करोड़ रुपए के रिकैपटेलाइजेशन बॉन्ड लाए जाएंगे। सरकार ने बताया कि करीब 76,000 करोड़ रुपए बजट और बाजार से जुटाए जाएंगे।