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RBI पहली छमाही में और घटा सकता है रेपो रेट, चौथाई फीसद तक की राहत संभव: कोटक

वित्त वर्ष 2019-20 में मॉनीटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) छह बार बैठक करेगी। पहली बैठक 2 अप्रैल को हो चुकी है।

By Praveen DwivediEdited By: Published: Mon, 22 Apr 2019 01:21 PM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 09:15 AM (IST)
RBI पहली छमाही में और घटा सकता है रेपो रेट, चौथाई फीसद तक की राहत संभव: कोटक
RBI पहली छमाही में और घटा सकता है रेपो रेट, चौथाई फीसद तक की राहत संभव: कोटक

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) घरेलू विकास चिंताओं के मद्देनजर वित्त वर्ष 2020 (FY20) की पहली छमाही में एक बार फिर से 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती पर विचार कर सकता है। यह बात कोटक इकोनॉमिक रिसर्च की एक रिपोर्ट में कही गई है।

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वित्त वर्ष 2019-20 में मॉनीटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) छह बार बैठक करेगी। पहली बैठक 2 अप्रैल को हो चुकी है। आरबीआई की ओर से उपलब्ध करवाए गए कार्यक्रम के हिसाब से चालू वित्त वर्ष के लिए एमपीसी की दूसरी बैठक 3,4 एवं 6 जून, तीसरी बैठक 5 से 7 अगस्त, चौथी बैठक 1,3 एवं 4 अक्टूबर, पांचवीं बैठक 3 से 5 दिसंबर और छठी बैठक वर्ष 2020 में 4 से 6 फरवरी तक प्रस्तावित है।

इस रिपोर्ट में कहा गया, "एमपीसी वित्त वर्ष 2020 की पहली छमाही में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर सकती है। नीति विवरण के साथ एमपीसी के मिनट भी हमारे विश्वास की पुष्टि करते हैं कि एमपीसी घरेलू विकास संबंधी चिंताओं के मद्देनजर वित्त वर्ष 2020 की पहली छमाही में 25 बीपीएस की कटौती पर विचार कर सकती है।"

गौरतलब है कि रेपो रेट की मौजूदा दर 6 फीसद है। रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है। इसमें कमी होने से सभी तरह के लोन सस्ते होने की उम्मीद बढ़ जाती है क्योंकि बैंकों को आरबीआई से कम दर पर कर्ज मिलता है तो बैंक के तरफ से भी ग्राहकों को सस्ता लोन देने की गुंजाइश बढ़ जाती है।


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