ये पांच ‘रतन’ चुनेंगे टाटा का अगला चेयरमैन, जानिए सर्च कमेटी में कौन कौन है शामिल
सायरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाने के बाद अब रतन टाटा चार महीने तक अंतरिम चेयरमैन बने रहेंगे। रतन टाटा फरवरी तक यह जिम्मेदारी संभालेंगे
नई दिल्ली: सायरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाने के बाद अब रतन टाटा चार महीने तक अंतरिम चेयरमैन बने रहेंगे। रतन टाटा फरवरी तक यह जिम्मेदारी संभालेंगे। हालांकि फरवरी के बाद टाटा ग्रुप का चेयरमैन कौन होगा इसके लिए पांच सदस्यीय सर्च कमेटी का गठन कर दिया गया है। इस कमेटी को यह काम फरवरी 2017 से पहले पूरा करना होगा। जानिए इस कमेटी में कौन-कौन लोग शामिल हैं जो टाटा को नया चेयरमैन देंगे।
यह भी पढ़ें- जानिए, साइरस की लीडरशिप में किन कंपनियों ने दिया 100% तक रिटर्न, किसने किया निराश
रतन टाटा: रतन टाटा मौजूदा समय में टाटा ग्रुप के अंतरिम चेयरमैन हैं। साल 1991 से लेकर 2012 तक वह टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे हैं। वह टाटा की अन्य बड़ी कंपनियों (टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, होटल्स और टाटा टेलिसर्विसेस) के भी चेयरमैन रहे हैं। रतन टाटा के लंबे कार्यकाल में समूह की कंपनियों की बाजार हैसियत करीब 57 गुना तक बढ़ी थी।
यह भी पढ़ें- टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाए गए साइरस मिस्त्री, कानूनी पचड़े में पड़ सकता है निष्कासन
वेणु श्रीनिवासन: वेणु श्रीनिवासन सुंदरम क्लेटन ग्रुप के चेयरमैन हैं। टीवीएस कंपनी इस ग्रुप का ही हिस्सा है। यह कंपनी भारत की तीसरी सबसे बड़ी टू वीलर निर्माता कंपनी भी है। वेणु टाटा सन्स के स्वंतत्र निदेशक हैं। आपको बता दें कि वो टीवीएस ग्रुप के संस्थापक टीवी सुंदरम अय्यंगर के बेटे हैं।
अमित चंद्रा: बेन कैपिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर अमित चंद्रा मौजूदा समय में टाटा सन्स के स्वंतत्र निदेशक हैं। साल 2008 की शुरुआत में उन्होंने बेन कैपिटल को ज्वाइन किया था। बेन कैपिटल से पहले उन्होंने लंबा समय मेरिल लिंच में भी बिताया। साल 2007 में वह बोर्ड मेंबर और एमडी के पद से रिटायर हुए। चंद्रा कई टाटा ट्रस्ट्स में ट्रस्टी भी हैं।
रोनन सेन: रोनन सेन साल 2015 में टाटा सन्स के स्वतंत्र निदेशक बने। वो अमेरिका में भारत के राजदूत (2004 से 2009 के बी) रहे हैं। वहीं साल 1991 से लेकर 1992 तक वो मैक्सिको में भारत के राजदूत रहे. इसके अलावा रशिया फेडरेशन (1992-98) और रिपब्लिक ऑफ जर्मनी (1998-2002) में भी भारत के राजदूत रहे। साल 2010 से 2012 के बीच वह टाटा मोटर्स के स्वंतत्र निदेशक रह चुके हैं।
लॉर्ड कुमार भट्टाचार्य: भारतीय मूल के ब्रिटिश प्रोफेसर लॉर्ड कुमार भट्टाचार्य वारविक मैन्युफैक्चरिंग ग्रुप के संस्थापक हैं। औद्योगिक निर्माण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए लॉर्ड कुमार भट्टाचार्य को प्रतिष्ठित रेजियस प्रोफेसरशिप से महारानी एलिजाबेथ (द्वितीय) ने सम्मानित किया जा चुका है।