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समझिए आखिर क्या है ब्रेग्जिट और इस मसले पर क्या है जारी गतिरोध

वर्तमान में ईयू में 28 सदस्य हैं और इनकी कुल आबादी 500 मिलियन के करीब है।

By Abhishek ParasharEdited By: Published: Wed, 03 Apr 2019 07:29 PM (IST)Updated: Thu, 04 Apr 2019 09:02 AM (IST)
समझिए आखिर क्या है ब्रेग्जिट और इस मसले पर क्या है जारी गतिरोध
समझिए आखिर क्या है ब्रेग्जिट और इस मसले पर क्या है जारी गतिरोध

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। कभी पूरी दुनिया पर राज करने वाला और यूरोपियन यूनियन का परचम लहराने वाला द ग्रेट ब्रिटेन अब यूरोपियन यूनियन से अलग होना चाहता है। यूरोपियन यूनियन से अलग होने को लेकर ब्रिटेन की संसद और आम जनता दो हिस्सों में बट गई है। यूरोपीय संसद भी ब्रेग्जिट के मसले पर निर्णय लेने में असमर्थ नजर आ रही है। वहीं ब्रेग्जिट को लेकर दुनियाभर से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। खैर इस सब के बीच यह समझा जाना जरूरी है कि आखिर से ब्रेग्जिट है क्या और इस मसले को लेकर क्या गतिरोध जारी है।

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क्या है ब्रेग्जिट?

ब्रैग्जिट का सीधा सा मतलब है कि यूरोपियन यूनियन से ब्रिटेन का बाहर आना। द ग्रेट ब्रिटेन यूरोपियन यूनियन में रहेगा या नहीं इसको लेकर पूरी दुनिया में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। अब फिलहाल ब्रिटेन की संसद को तय करना है कि वो यूरोपियन यूनियन में रहना चाहती है या नहीं।

कैसे हुई ईयू की शुरुआत?

द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त होने के पांच साल बाद, फ्रांस और जर्मनी यह सुनिश्चित करने के लिए एक योजना के साथ आए कि दोनों देश फिर से एक दूसरे के खिलाफ युद्ध में नहीं जाएंगे। परिणाम स्वरूप छह राष्ट्रों ने वर्ष 1950 में एक डील पर हस्ताक्षर किए। सात साल बाद रोम में एक संधि पर हस्ताक्षरित हुए जिसके परिणाम स्वरुप यूरोपीय आर्थिक समुदाय (EEC) बनाया गया।

यही वर्तमान स्वरुप में यूरोपियन यूनियन है। वर्ष 1973 के शुरुआती दौर में शामिल होने वाले तीन नए सदस्यों में से ब्रिटेन एक था। वर्तमान में ईयू में 28 सदस्य हैं और इनकी कुल आबादी 500 मिलियन के करीब है।

ईयू में कौन-कौन से देश शामिल?

यूरोपियन यूनियन में शामिल देशों में तेजी से विस्तार हुआ है। इसमें छह सदस्यों से 28 देशों तक का विस्तार हुआ है। बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, इटली, लग्जमबर्ग और नीदरलैंड ने शुरुआती तौर पर ईईसी में हस्ताक्षर किए थे और इनके लिए वर्ष 1957 में एकल बाजार था। ब्रिटेन, आयरलैंड और डेनमार्क इस समूह से वर्ष 1973 में जुड़े। इसके बाद वर्ष 1981 में ग्रीस और पुर्तगाल जुड़े। इसके ठीक पांच वर्ष बाद स्पेन इससे जुड़ा। पूर्वी जर्मनी एकीकरण के बाद शामिल हुआ और 1995 में ऑस्ट्रिया, फिनलैंड और स्वीडन यूरोपीय संघ का हिस्सा बन गए। वर्ष 2004 में सबसे बड़ा इज़ाफ़ा तब हुआ जब 10 नए सदस्य देश इसमें शामिल हुए। रोमानिया और बुल्गारिया 2007 में शामिल हुए और क्रोएशिया 2013 में इससे जुड़ने वाला नवीनतम राष्ट्र था।

कैसे काम करता है ईयू?

चार प्रमुख संस्थान हैं जो यूरोपीय संघ को चलाने के लिए एक साथ काम करते हैं, यूरोपियन कमीशन, यूरोपियन पार्लियामेंट, द काउंसिल ऑफ यूरोपियन यूनियन और कोर्ट ऑफ जस्टिस।

ब्रेग्जिट पर वर्तमान स्थिति?

ब्रेग्जिट की तारीख 29 मार्च 2019 तय की गई थी और इसी बात को लेकर ब्रिटेन में 2016 में जनमत संग्रह हुआ था, जिसमें लोगों का बहुमत ब्रिटेन के ईयू से अलग होने के पक्ष में था। ब्रेग्जिट पर जनमत संग्रह के रुझान के बाद कैमरन सरकार को इस्तीफा देना पड़ा था। तब कंजरवेटिव पार्टी की थेरेसा मे की अगुवाई में सरकार बनी। ब्रेग्जिट प्रस्ताव लगातार तीसरी बार खारिज हो चुका है। अब स्थिति यह बन चुकी है कि अगर ब्रेग्जिट के मसले पर 12 अप्रैल 2019 तक संसद में आम सहमति नहीं बनी तो ब्रिटेन यूरोपीय यूनियन से खुद ही बाहर हो जाएगा।

यूरोपीय यूनियन में रहते हुए भी अलग रहा है ब्रिटेन

ब्रिटेन और आयरलैंड दोनों ऐसे देश हैं जो यूरोपियन यूनियन में रहते हुए भी इससे अलग हैं। यूनियन में 1992 में एक मास्ट्रिच समझौता पर हस्ताक्षर हुए जिसमें यूनियन की एक करेंसी बनाने का प्रस्ताव किया गया जिसे बाद में यूरो नाम दिया गया। इसके बाद एक ‘सेंसेजन समझौता भी हुआ जिसके मुताबिक साथी देशों के लिए बॉर्डर पर पेपरवर्क खत्म कर दिया गया लेकिन ब्रिटेन और आयरलैंड दोनों ही इस शर्त से परे रहे यानी इन दो देशों के लिए ये नियम लागू नहीं था।

यूरोपियन यूनियन से अलग क्यों होना चाहता है ब्रिटेन?

1.कंजर्वेटिव पार्टी की मुख्य समस्या फ्री लेबर मूवमेंट से है क्योंकि यूनियन इकलौता बाजार है और किसी देश का इंसान किसी भी देश में काम कर सकता है।

2. संघ से बाद में जुड़े पूर्वी यूरोप के देशों से भी किसी भी सदस्य देश में लोग आ-जा सकते हैं। माना जाता है कि ये देश आर्थिक तौर पर दूसरे देशों के मुकाबले पिछड़े हुए हैं।

3. तीसरी सबसे बड़ी समस्या ये है कि यूरोपियन यूनियन की सरकार जनता के चुनाव से नहीं आती बल्कि देशों के नेता ही किसी को वहां भेज देते हैं जोकि लोकतांत्रित व्यवस्था के खिलाफ है।

4.इसके अलावा मेम्बर रहने के लिए हर साल संघ को पैसे देने पड़ते हैं हालांकि सारे सदस्यों के पैसो को मिलाकर भी ये पैसा यूरोपियन यूनियन के जीडीपी का 2.5 फीसद ही है।

5. यूरोपीय यूनियन का कानून बहुत जटिल होता जा रहा है और इसमें लगभग 7000 नियम-कानून बन गए हैं।

6.इसके अलावा अभी सीरिया, ईराक से विस्थापन बड़ी संख्या में हो रहा है और इसके अलावा ग्रीस को भी पैसे देने पड़ रहे हैं। 


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