RBI की निगरानी सूची से बाहर होने के बाद कैसा है बैंकों का प्रदर्शन
इलाहाबाद बैंक और धनलक्ष्मी बैंक के शेयरों का प्रदर्शन बैंकिंग सेक्टर के औसत प्रदर्शन के बराबर या उससे अधिक रहा है वहीं कॉरपोरेशन बैंक ने निराश किया है।
नई दिल्ली (अभिषेक पराशर)। पिछले महीने के आखिरी में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इलाहाबाद बैंक, कॉरपोरेशन बैंक और धनलक्ष्मी बैंक को पीसीए (प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन) की सूची से बाहर कर दिया था। पीसीए में होने की वजह से इन बैंकों के कर्ज देने और नए ब्रांच खोलने पर प्रतिबंध लगा हुआ था।
आरबीआई की तरफ से जारी बयान में कहा गया था कि 26 फरवरी को हुई बैठक में पीसीए निगरानी सूची में रखे गए बैंकों के प्रदर्शन की समीक्षा की गई और पाया गया कि 21 फरवरी को सरकार की तरफ से दी गई नई पूंजी के बाद इलाहाबाद और कॉरपोरेशन बैंक के कैपिटल फंड्स में इजाफा हुआ है, जो अनिवार्य नियामकीय पूंजी से अधिक है।
आरबीआई की निगरानी सूची से इन बैंकों को बाहर हुए करीब एक महीने से अधिक का समय हो चुका है और इस दौरान जहां इलाहाबाद बैंक और धनलक्ष्मी बैंक के शेयरों का प्रदर्शन बैंकिंग सेक्टर के औसत प्रदर्शन के बराबर या उससे अधिक रहा है, वहीं कॉरपोरेशन बैंक के शेयरों ने निराश किया है।
इलाहाबाद बैंक: पिछले तीन दिनों में इलाहाबाद बैंक के शेयरों में करीब 8 फीसद से अधिक का उछाल आया है। पीसीए सूची से बाहर किए जाने के बाद अब तक का इस शेयर का प्रदर्शन बेहतरीन रहा है।
पिछले एक महीने में (26 फरवरी से 28 मार्च) इलाहाबाद बैंक का शेयर करीब 25.20 फीसद तक मजबूत हुआ है, जो इसी अवधि में बैंकिंग सेक्टर में आए उछाल (करीब 25.67 फीसद) के बराबर है। सरकार चालू वित्त वर्ष में इलाहाबाद बैंक को 6,896 करोड़ रुपये की पूंजी दिए जाने की घोषणा कर चुकी है।
धनलक्ष्मी बैंक: आरबीआई की निगरानी सूची से बाहर होने के बाद पिछले एक महीने (26 फरवरी से 28 मार्च) के दौरान बैंक के शेयरों में 27 फीसद से अधिक का उछाल आया है। शुक्रवार को बीएसई में बैंक का शेयर 2.81 फीसद की गिरावट के साथ 17.30 रुपये पर बंद हुआ।
कॉरपोरेशन बैंक: पीसीए सूची से बाहर निकाले जाने के बाद भी कॉरपोरेशन बैंक के शेयरों पर कोई असर नहीं हुआ है। बल्कि, इसमें मामूली कमजोरी ही आई है। पिछले एक महीने (26 फरवरी से 28 मार्च) में बैंक के शेयर में मामूली 1.03 फीसद की गिरावट आई है।
समान अवधि के दौरान बैंकिंग सेक्टर (25.67 फीसद) और सेंसेक्स (7.15 फीसद) के मुकाबले कॉरपोरेशन बैंक के शेयरों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। चालू वित्त वर्ष में सरकार ने कॉरपोरेशन बैंक को 9,086 करोड़ रुपये देने का फैसला लिया है।
गौरतलब है कि पूंजीगत सहायता से बैंकों को अनिवार्य नियामकीय पूंजी के स्तर को बनाए रखने में मदद मिलती है। पिछले महीने ही भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स को पीसीए (प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन) से बाहर कर दिया था।
कुल 21 सरकारी बैंकों में से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 11 बैंकों को पीसीए में डाल दिया था, जिसके बाद इनके लोन देने और नए ब्रांच खोलने पर रोक लग गई थी। पीसीए में डालने की वजह इन बैंकों का बढ़ता एनपीए और घाटा था।
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