जानिए Petrol-Diesel पर कितना टैक्स देते हैं आप, केंद्र और राज्य सरकारें भरती हैं अपना खजाना
16 अप्रैल 2020 की स्थिति में दिल्ली में डीजल का आधार मूल्य 31.49 रुपये था जो कि विभिन्न टैक्स लगने के बाद 62.29 रुपये हो गया।
नई दिल्ली, पवन जायसवाल। पेट्रोल और डीजल ऐसे पेट्रोलियम उत्पाद हैं, जिनका प्रयोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से करीब-करीब हर व्यक्ति करता ही है। हमारा देश अपनी जरूरत का करीब 85 फीसदी कच्चा तेल बाहर से मंगाता है। इस तेल को देश की रिफाइनरीज में रिफाइन किया जाता है, जिसके बाद यह पेट्रोल पंप तक पहुंचता है। क्रूड ऑयल की कीमतों में इस साल की शुरुआत से ही गिरावट देखने को मिल रही है। पहले अमेरिका द्वारा ईरान के कमांडर को मार गिराने से उपजे भू-राजनैतिक विवाद और फिर प्राइस वॉर व खपत में जबरदस्त कमी के चलते कच्चे तेल के भाव गर्त में चले गए। सोमवार रात तो यूएस क्रूड WTI का मई वायदा भाव -37 डॉलर प्रति बैरल तक जा पहुंचा। स्टोरेज का अभाव होने के चलते कीमतों में यह गिरावट आई।
अब यह प्रश्न हर कोई पूछ रहा है कि जब क्रूड ऑयल की कीमतें लगातार गिर रही हैं, तो देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें क्यों नहीं कम हो रही। दरअसल, सरकार ने इन दोनों उत्पादों को अपना राजस्व बढ़ाने का एक अच्छा विकल्प बना लिया है। कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने पर भारत सरकार इस पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा देती है। आंकड़े बताते हैं कि भारत सरकार ने साल 2014-15 और 2018-19 के बीच इन पेट्रोलियम उत्पादों पर टैक्स लगाकर 10 लाख करोड़ रुपये कमाए हैं।
केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2018-19 में भारत सरकार ने एक्साइज ड्यूटी से 2.14 लाख करोड़ रुपये का राजस्व कमाया था। पेट्रोल-डीजल पर टैक्स से सिर्फ केंद्र सरकार ही राजस्व प्राप्त नहीं करती, बल्कि राज्य सरकारें भी इसका फायदा उठाती हैं। वे पेट्रोल-डीजल पर वैट लगाकर कमाई करती हैं। साल 2018-19 में राज्यों ने तेल से 2.27 लाख करोड़ रुपये की कमाई की है।
असल कीमत से दोगुने हो जाते हैं भाव
पेट्रोल-डीजल की असल कीमत विभिन्न तरह के टैक्स लगने के बाद दोगुनी से भी अधिक हो जाती है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड की वेबसाइट के अनुसार, 16 अप्रैल 2020 की स्थिति में दिल्ली में पेट्रोल का आधार मूल्य 27.96 रुपये था, जो विभिन्न टैक्स लगने पर 69.59 रुपये हो गया। इसमें भाड़ा व अन्य खर्च का 0.32 रुपया, एक्साइज ड्यूटी का 28.28 रुपया, डीलर के कमीशन का (औसत) 3.54 रुपया, वैट (डीलर कमीशन पर वैट के साथ) का 14.79 रुपया शामिल है।
डीजल पर भी है भारी टैक्स
टैक्स के मामले डीजल भी पेट्रोल से कुछ कम नहीं है। IOCL की वेबसाइट के अनुसार, 16 अप्रैल 2020 की स्थिति में दिल्ली में डीजल का आधार मूल्य 31.49 रुपये था, जो कि विभिन्न टैक्स लगने के बाद 62.29 रुपये हो गया। इसमें भाड़ा व अन्य खर्च के 0.29 रुपये, एक्साइज ड्यूटी के 18.83 रुपये, डीलर के कमीशन के (औसत) 2.49 रुपये और वैट(डीलर के कमीशन पर वैट के साथ) के 9.19 रुपये शामिल हैं।