मूडीज के बूस्ट का असर खत्म, डॉलर के मुकाबले रुपया फिर हुआ कमजोर
मूडीज के फैसले के कारण रुपये को मिला बूस्ट सिर्फ एक दिन तक ही डॉलर के मुकाबले रुपये में तेजी कायम रख पाया
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। मूडीज की ओर से भारत की सॉवरेन रेटिंग सुधारे जाने के बाद रुपए में तेजी देखने को मिली थी। हालांकि यह तेजी सिर्फ एक दिन तक ही कायम रही। अगले कारोबारी सत्र में कमजोरी के साथ खुला रुपया गिरावट के साथ बंद हुआ। रुपए में कमजोरी का आना डॉलर की मजबूती का संकेत होता है। जैसे ही रुपया कमजोर होता है वैसे ही यह आम आदमी से सीधा सरोकार रखने वाली चीजों पर असर डालता है। हम अपनी इस रिपोर्ट में आपको बताएंगे कि रुपया का कमजोर होना आम आदमी के लिहाज से कितना नुकसानदेह है।
10 पैसे गिरकर हुआ बंद
आज के कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया 10 पैसे की कमजोरी के साथ 65.10 रुपये के स्तर पर कारोबार कर बंद हुआ है। रुपया में आज कारोबार के शुरुआत से ही सुस्ती देखने को मिल रही थी। सुबह के कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया 5 पैसे कमजोर होकर 65.06 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहा था। वहीं बीते कारोबारी सत्र यानि शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 31 पैसे की मजबूती के साथ 65.01 के स्तर पर बंद हुआ था। शुक्रवार को रुपये में मजबूती मूडीज की ओर से 13 वर्ष बाद भारत की सॉवरेन रेटिंग बढ़ाए जाने के चलते देखने को मिली थी।
क्यों कमजोर हुआ रुपया
रुपये में दबाव अगले महीने अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने की संभावना के चलते देखने को मिला है। ऐसे में डॉलर धीरे-धीरे मजबूत हो रहा है जिससे रुपए में कमजोरी देखने को मिल रही है।
रुपए के कमजोर से आम आदमी को होते हैं ये 4 नुकसान
महंगा होगा विदेश घूमना: रुपए के कमजोर होने से अब विदेश की यात्रा आपको थोड़ी महंगी पड़ेगी क्योंकि आपको डॉलर का भुगतान करने के लिए ज्यादा भारतीय रुपए खर्च करने होंगे। फर्ज कीजिए अगर आप न्यूयॉर्क की हवाई सैर के लिए 3000 डॉलर की टिकट भारत में खरीद रहे हैं तो अब आपको पहले के मुकाबले ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे।
विदेश में बच्चों की पढ़ाई होगी महंगी: अगर आपका बच्चा विदेश में पढ़ाई कर रहा है तो अब यह भी महंगा हो जाएगा। अब आपको पहले के मुकाबले थोड़े ज्यादा पैसे भेजने होंगे। यानी अगर डॉलर मजबूत है तो आपको ज्यादा रुपए भेजने होंगे। तो इस तरह से विदेश में पढ़ रहे बच्चों की पढ़ाई भारतीय अभिभावकों को परेशान कर सकती है।
क्रूड ऑयल होगा महंगा तो बढ़ेगी महंगाई: डॉलर के मजबूत होने से क्रूड ऑयल भी महंगा हो जाएगा। यानि जो देश कच्चे तेल का आयात करते हैं, उन्हें अब पहले के मुकाबले (डॉलर के मुकाबले) ज्यादा रुपए खर्च करने होंगे। भारत जैसे देश के लिहाज से देखा जाए तो अगर क्रूड आयल महंगा होगा तो सीधे तौर पर महंगाई बढ़ने की संभावना बढ़ेगी।
डॉलर में होने वाले सभी पेमेंट महंगे हो जाएंगे: वहीं अगर डॉलर कमजोर होता है तो डॉलर के मुकाबले भारत जिन भी मदों में पेमेंट करता है वह भी महंगा हो जाएगा। यानी उपभोक्ताओं के लिहाज से भी यह राहत भरी खबर नहीं है।