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भारतीय शेयर बाजार में आई तेजी, ये हैं चार बड़े कारण

भारतीय शेयर बाजार में आई तेजी, जानिए इस तेजी के प्रमुख कारण

By Surbhi JainEdited By: Published: Mon, 12 Mar 2018 04:31 PM (IST)Updated: Mon, 12 Mar 2018 04:39 PM (IST)
भारतीय शेयर बाजार में आई तेजी, ये हैं चार बड़े कारण
भारतीय शेयर बाजार में आई तेजी, ये हैं चार बड़े कारण

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सोमवार को घरेलू इक्विटी बाजार में बढ़त दर्ज की गई है। सेंसेक्स 610 अंकों की तेजी के साथ 33917 और निफ्टी 194 अंक की तेजी के साथ 10421 के स्तर पर कारोबार कर बंद हुआ है। अमेरिका में आए अच्छे जॉब डेटा के चलते घरेलू बाजार में तेजी दर्ज की गई है।

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जानिए किन कारकों से आई बाजार में तेजी-

आर्थिक आंकड़ें:

अर्थव्यवस्था से जुड़ें आंकड़ें जैसे जनवरी के आईआईपी नंबर और फरवरी महीने के सीपीआई इंफ्लेशन के नंबर्स से पहले बाजार में मजबूत सेंटिमेंट्स देखने को मिले हैं। उम्मीद की जा रही है कि भारत की खुदरा महंगाई फरवरी में चार महीने के निम्नतम स्तर से उभर सकती है। माना जा रहा है कि फरवरी में सब्जियों और अन्य खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी देखी जा सकती है।

निचले स्तर से खरीदारी:

प्रमुख सूचकांक बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी जनवरी 2018 के रिकॉर्ड हाई से अबतक करीब आठ फीसद तक टूट चुका है। ऐसे में आज के कारोबार में निवेशकों की ओर से निचले स्तर पर खरीदारी देखने को मिली है।

जॉब आंकड़ों से खुश हुए अमेरिकी बाजार:

शुक्रवार को अमेरिका में आए बेहतरीन जॉब आंकड़ों के बाद बाजार में रिकॉर्ड तेजी देखने को मिली। प्रमुख सूचकांक डाओ 440 अंक की बढ़त के बाद 25335 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं एसएंडपी 47 अंक चढ़कर 2786 के स्तर पर और नैस्डैक 132 अंक की मजबूती के साथ 7560 के स्तर पर बंद हुआ। अमेरिका में फरवरी में कुल 3,13,000 नई नौकरियां जोड़ी गई, जबकि इनके करीब 200000 जुड़ने की उम्मीद थी। अनुमान से बेहतर आंकड़ों से अमेरिकी बाजार बढ़त के साथ बंद हुए।

इसी के साथ एशियाई बाजारों में तेजी ने घरेलू सूचकांक को समर्थन दिया। सोमवार को हैगसैंग, निक्केई और शांघाई में दो फीसद तक की तेजी दर्ज की गई है।

भारत बनेगा पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था-

वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु की ओर से जताए गये भरोसे से चलते बाजार में सेंटिमेंट्स को बूस्ट मिला। शुक्रवार को प्रभु ने यह विश्वास दिलाया है कि भारत अगले सात वर्षों में पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि किसी एक समय पर भारत की अर्थव्यवस्था चीन से भी बड़ी बन जाएगी। मौजूदा समय में भारत की अर्थव्यवस्था 2.5 ट्रिलियन डॉलर और चीन की 11.85 ट्रिलियन डॉलर के स्तर पर है।


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