अच्छी बारिश से खरीफ में बढ़ी बोआई, मनरेगा में घटे मजदूर
दक्षिण-पश्चिम मानसून इस बार समय से पहुंचा और चौतरफा समान बारिश हो रही है। इसके चलते खरीफ की बोआई जहां समय से चालू हो गई वहीं रकबा भी बढ़ा है।
नई दिल्ली, सुरेंद्र प्रसाद सिंह। मानसून की अच्छी बारिश से जहां खरीफ फसलों की बोआई और धान रोपाई की रफ्तार बढ़ गई है, वहीं इसके चलते मनरेगा में मजदूर घट गए हैं। फसलों की बोआई का रकबा 14 फीसद तक बढ़कर 8.82 करोड़ हेक्टेयर पहुंच गया है। इससे मनरेगा में मजदूरों की संख्या में 28 फीसद तक कमी आई है। पिछले वर्ष इसी समय तक 7.74 करोड़ हेक्टेयर में ही खेती हो सकी थी। धान की रोपाई से मोटे अनाज, दलहन व तिलहन समेत अन्य सभी फसलों की खेती में बढ़त दर्ज की गई है। ग्रामीण विकास मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 31 जुलाई तक तकरीबन 3.15 करोड़ परिवारों ने मनरेगा के तहत काम की मांग की।
वहीं, जून में इस योजना के तहत 4.39 करोड़ और मई में 3.61 करोड़ परिवारों ने मनरेगा में काम किया। कोरोना संक्रमण से घरों को लौट चुके प्रवासी मजदूरों की वजह से पिछले साल 2019 के जुलाई माह के मुकाबले चालू वर्ष 2020 में मनरेगा में 71 फीसद की उछाल आया है।
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस के प्रोफेसर आनंद कुमार का कहना है कि आमतौर पर जुलाई में खरीफ बोआई और धान की रोपाई की वजह से मनरेगा का काम लगभग ठप हो जाता है। लेकिन इस बार लॉकडाउन की अवधि में गांवों को लौटे मजदूरों ने खरीफ की खेती में श्रमिकों की कमी नहीं होने दी। उन्हीं की वजह से मनरेगा का काम ठप नहीं हुआ, बल्कि पिछले साल के मुकाबले अधिक हो रहा है। काम की बढ़ती मांग को देखते हुए मनरेगा के लिए सरकार को और अधिक धन का आवंटन करना पड़ सकता है।
दक्षिण-पश्चिम मानसून इस बार समय से पहुंचा और चौतरफा समान बारिश हो रही है। इसके चलते खरीफ की बोआई जहां समय से चालू हो गई, वहीं रकबा भी बढ़ा है। इस बार खरीफ में होने वाली कुल बोआई रकबा का 83 फीसद 31 जुलाई तक ही पूरा हो चुका है। धान की रोपाई पिछले साल के मुकाबले 19 फीसद आगे चल रही है, जबकि दलहन 19.26 फीसद और तिलहन का बोआई रकबा 16.80 फीसद अधिक है। केंद्रीय कृषि आयुक्त सुरेश मल्होत्रा का कहना है कि इस बार खरीफ का कुल बोआई रकबा सामान्य सीमा को पार कर सकता है।