देशी की कुल आबादी का सिर्फ 1% ही है करदाता, 5340 लोग देते हैं 1 करोड़ से ज्यादा टैक्स
सरकार ने पारदर्शी अभियान के तहत जो आंकड़े सार्वजनिक किए है उसके मुताबिक देश की कुल आबादी का सिर्फ एक फीसदी ही करदाता है।
नई दिल्ली। पारदर्शिता अभियान के तहत सरकार ने 15 साल के जो प्रत्यक्ष आंकड़े सार्वजनिक किए हैं उसके मुताबकि देश की कुल आबादी का महज एक फीसदी लोग ही करदाता है। हालांकि, इन करदातों में से 5340 लोग ऐसे भी है जो सालाना एक करोड़ रूपये से ज्यादा का टैक्स देते हैं। ये जानकारी सरकार को आकलन वर्ष 2012-13 से मिली है।
2012-13 वित्त वर्ष में 2.87 लोगों ने आयकर दाखिल किया। जिनमें से 1.62 करोड़ लोगों ने टैक्स नहीं दिया। यानि, कुल कर दाताओं की संख्या 1.25 करोड़ रही जो देश की कुल आबादी 123 करोड़ के फीसदी के बराबर है।
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आंकड़ों के मुताबिक, ज्यादातर यानी 89 प्रतिशत या 1.11 करोड़ लोगों ने 1.5 लाख रुपये से कम का टैक्स दिया। इस दौरान औसत टैक्स भुगतान 21,000 रुपये रहा। कुल कर संग्रहण 23,000 करोड़ रुपये रहा। 100 से 500 करोड़ रुपये के दायरे में तीन लोगों ने 437 करोड़ रुपये का कर दिया। इस तरह औसत कर भुगतान 145.80 करोड़ रुपये रहा।
कुल मिलाकर 5,430 लोगों ने एक करोड़ रुपये से अधिक का आयकर अदा किया। इनमें से 5,000 लोगों का कर भुगतान एक से पांच करोड़ रुपये के दायरे में रहा। इन लोगों का कुल कर भुगतान 8,907 करोड़ रुपये रहा।कुल आंकड़ों के अनुसार 2015-16 में कुल आयकर संग्रहण नौ गुना बढ़कर 2.86 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। यह 2000-01 में 31,764 करोड़ रुपये था।