PNB से मिले 2,050 करोड़ रुपये की कर्ज की खबरों का जेट एयरवेज ने खंडन किया
नकदी संकट की वजह से जेट एयरवेज को करीब 50 विमानों को संचालन से हटाना पड़ा है और वह पायलट और अन्य वेंडर्स का भुगतान करने में विफल रही है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क/एजेंसी)। जेट एयरवेज ने पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) की तरफ से 2,050 करोड़ रुपये के कर्ज मिलने की खबरों का खंडन किया है।
स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में जेट एयरवेज ने बताया है कि उसने पीएनबी से पहले ही 30 करोड़ डॉलर का कर्ज ले रखा है और उसे कोई नया कर्ज नहीं मिला है।
नकदी संकट की वजह से जेट एयरवेज को करीब 30 विमानों को संचालन से हटाना पड़ा है और वह पायलट और अन्य वेंडर्स का भुगतान करने में विफल रही है।
गौरतलब है कि इससे पहले खबर आई थी कि जेट एयरवेज को पीएनबी से 1100 करोड़ रुपये का विदेशी मुद्रा लोन और 950 करोड़ रुपये की क्रेडिट फैसिलिटी मिली है, जिसका इस्तेमाल कंपनी अपनी वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने में करेगी।
इस खबर के बाद जेट एयरवेज के शेयरों में उछाल आया था और महीने भर के ऊच्चतम स्तर को छूने में सफल रहा था। बाजार बंद होने के बाद जेट एयरवेज ने इस बारे में बयान जारी कर स्थिति स्पष्ट की है।
हाल ही में किराए पर विमान मुहैया कराने वाली कंपनी ने जेट के साथ कॉन्ट्रैक्ट को खत्म करने की चेतावनी दी थी।
एफएलवाई लीजिंग लिमिटेड ने कंपनी को किराए पर दिए गए तीन और विमानों को संचालन से हटाते हुए चेतावनी दी है कि अगर इस महीने तक जेट एयरवेज समाधान योजना पर अंतिम मंजूरी नहीं लेती है, तो वह इन विमानों को किसी अन्य कंपनी को किराए पर दे देगी।
इस बीच, जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल ने विमानन कंपनी की ''बेहद खतरनाक'' स्थिति का हवाला देते हुए साझेदार कंपनी एतिहाद से 750 करोड़ रुपये की मांग की है।
एतिहाद के सीईओ टोनी डगलस को लिखी गई चिट्ठी में गोयल ने कहा है कि उन्हें विमानन मंत्रालय की तरफ से जेट प्रिविलेज के शेयरों को गिरवी रख, अंतरिम फंडिंग जुटाने की मंजूरी मिल गई है।
लॉयल्टी प्रोग्राम जेट प्रिविलेज में जेट की 49.9 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि नियंत्रण हिस्सेदारी एतिहाद एयरवेज के पास है।
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