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जेट एयरवेज ने मार्च महीने की सैलरी रोकी, कंपनी में काम करते हैं 16 हजार कर्मचारी

25 मार्च को जेट एयरवेज के बोर्ड ने एसबीआई की अगुवाई वाले बैंकों के समूह की समाधान योजना को मंजूरी दी थी।

By Abhishek ParasharEdited By: Published: Wed, 03 Apr 2019 06:45 PM (IST)Updated: Thu, 04 Apr 2019 12:06 PM (IST)
जेट एयरवेज ने मार्च महीने की सैलरी रोकी, कंपनी में काम करते हैं 16 हजार कर्मचारी
जेट एयरवेज ने मार्च महीने की सैलरी रोकी, कंपनी में काम करते हैं 16 हजार कर्मचारी

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क/एजेंसी)। जेट एयरवेज ने अपने कर्मचारियों के मार्च महीने के वेतन को टाल दिया है। एयरलाइंस ने समाधान योजना को लागू किए जाने की ''जटिलताओं'' का हवाला देते हुए कंपनियों के कर्मचारियों के वेतन को टाल दिया है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुवाई में बैंकों के समूह ने जेट एयरवेज की समाधान योजना को मंजूरी देते हुए उसके प्रबंधन का नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया है।

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इससे पहले जेट एयरवेज अगस्त महीने से अपने पायलटों, इंजीनियर्स और सीनियर स्टाफ की सैलरी में देरी करती रही है, जिनका भुगतान जनवरी महीने से नहीं किया गया है। कंपनी के पेरोल पर 16,000 से अधिक कमर्चारी हैं। कर्मचारियों को भेजे गए नोट में जेट एयरवेज के चीफ पीपल ऑफिसर राहुल तनेजा ने कहा, 'ऐसी प्रक्रिया (समाधान योजना को अंतिम रूप देने) की जटिलताओं को देखते हुए इसमें उम्मीद से ज्यादा समय लगता है। हम समाधान निकालने के लिए लगातार कर्जदाताओं और अन्य संस्थाओं के संपर्क में हैं।'

उन्होंने कहा, 'मौजूदा स्थिति को देखते हुए कृपया आपको बताया जाता है कि मार्च महीने के वेतन भुगतान में देरी होगी।' हालांकि, कंपनी ने यह नहीं बताया कि कर्मचारियों को उनका वेतन कब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कंपनी इस बारे में 9 अप्रैल को अगली जानकारी देगी।

25 मार्च को जेट एयरवेज के बोर्ड ने एसबीआई की अगुवाई वाले बैंकों के समूह की समाधान योजना को मंजूरी दी थी। इस योजना के तहत जेट को तत्काल 1,500 करोड़ रुपये की फंडिंग दी जानी थी और उसके कर्ज को इक्विटी में बदला जाना था। हालांकि, ''तकनीकी'' कारणों से अभी तक कंपनी को फंड नहीं मिल सकता है।

उन्होंने कहा, 'मौजूदा चुनौतीपूर्ण समय में प्रबंधन की टीम कर्जदाताओं और अन्य संस्थानों के साथ समाधान योजना को अंतिम रूप देने के लिए बातचीत कर रही है, जिससे हमें हमारे परिचालन को स्थिर करने और भविष्य के लिए टिकाऊ स्थिति खड़ी करने में मदद मिलेगी।'


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