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IT कंपनियां अपने कर्मचारियों को सिखा रही हैं ये खास तकनीक

तकनीक की बदलती दुनिया के हिसाब से अपने कर्मचारियों को कुशल बनाने के लिए आइटी कंपनियां भी कमर कस रही हैं। इसके बाहरी कंपनियों से भी करार किया जा रहा है।

By Surbhi JainEdited By: Published: Wed, 10 Jan 2018 11:05 AM (IST)Updated: Wed, 10 Jan 2018 11:05 AM (IST)
IT कंपनियां अपने कर्मचारियों को सिखा रही हैं ये खास तकनीक
IT कंपनियां अपने कर्मचारियों को सिखा रही हैं ये खास तकनीक

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। देश की आइटी कंपनियों को अहसास होने लगा है कि अपने कर्मचारियों को नई तकनीक में कुशल बनाए बगैर अब काम नहीं चलने वाला है। इंटरनेट ऑफ थिंग्स, डाटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) और मशीन लर्निंग जैसी नई तकनीकों में कर्मचारियों को ट्रेनिंग देकर कंपनियां अपनी कारोबारी धार को पैना करने लगी है।

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इसी दिशा में टेक महिंद्रा ने तो अपने कर्मचारियों को बाहरी विशेषज्ञ कंपनी से ट्रेनिंग दिलाने के लिए बाकायदा करार किया है। सॉफ्टवेयर कंपनी एडोब भी अपने कर्मचारियों को आंतरिक रूप से ट्रेनिंग दे रही है ताकि वे नई चुनौतियों के लिए तैयार हो सके। टेक महिंद्रा ने अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के लिए ई-लर्निग प्लेटफॉर्म ईडीएक्स से करार किया है। ईडीएक्स देश-विदेश में काम कर रहे टेक महिंद्रा के 1.17 लाख कर्मियों को इंटरनेट ऑफ थिंग्स, डाटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) के अलावा साइबर सिक्योरिटी जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण देगी। ईडीएक्स की शुरुआत 2012 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और मैसाच्यूसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआइटी) ने की थी।

टेक महिंद्रा के सीईओ और एमडी सीपी गुरनानी ने कहा, ‘आज के कारोबारी माहौल में हमारे लोगों को भविष्य के प्रति तैयार रहने की जरूरत है। यह हमारी जिम्मेदारी है कि उन्हें सही प्लेटफॉर्म मिले।’ ईडीएक्स के सीईओ और एमआइटी के प्रोफेसर अनंत अग्रवाल ने कहा, ‘इस प्रशिक्षण से कर्मचारियों को अपना कॅरियर तेजी से आगे ले जाने और बढ़ती जरूरतों के बीच अपना रोजगार बनाए रखने में मदद मिलेगी।’ विभिन्न कोर्स की कीमत 50 से 1000 डॉलर (करीब 3,200 से 64,000 रुपये) है। टेक महिंद्रा के कर्मियों को विशेष छूट दी जाएगी। कोर्स पूरा करने के बाद कंपनी फीस के रूप में खर्च हुआ पैसा कर्मचारियों को वापस कर देगी।

एडोब भी नई चुनौतियों के लिए अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षित कर रही है। एडोब इंडिया के एमडी शनमुग नटराजन ने कहा कि तकनीक की दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है। ऐसे में अपने इंजीनियर्स को इनके लिए तैयार करना कंपनी की प्राथमिकता में है। इसके लिए कंपनी के पास पर्याप्त विशेषज्ञता और कार्यबल है।

नई तकनीक का जॉब्स पर असर
उद्योग संगठनों फिक्की और नैस्कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डिजिटल और ऑटोमेशन के बढ़ते चलन से आइटी-बीपीएम सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित होगा। 2022 तक 70-75 प्रतिशत नौकरियों में नई तरह की योग्यता की जरूरत होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 तक करीब 45 लाख नौकरियों में से 10 से 20 फीसद में 3डी डिजाइनर, एआइ रिसर्च साइंटिस्ट और लैंग्वेज प्रोसेसिंग स्पेशलिस्ट जैसी नई भूमिकाएं होंगी।


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