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COVID-19: हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम किस्त में देने को हरी झंडी, IRDAI ने जारी किया सर्कुलर

Irdai ने कहा है कि बीमा कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी फ्रिक्वेंसी मोड में प्रीमियम की कुल राशि अन्य फ्रिक्वेंसी मोड की कुल प्रीमियम राशि के बराबर हों।

By Ankit KumarEdited By: Published: Wed, 22 Apr 2020 05:29 PM (IST)Updated: Wed, 22 Apr 2020 08:55 PM (IST)
COVID-19: हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम किस्त में देने को हरी झंडी, IRDAI ने जारी किया सर्कुलर
COVID-19: हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम किस्त में देने को हरी झंडी, IRDAI ने जारी किया सर्कुलर

नई दिल्ली, पीटीआइ। बीमा नियामक Irdai ने COVID-19 महामारी के चलते उत्पन्न आर्थिक हालात को देखते हुए इंश्योरेंस कंपनियों को स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम को किस्त में लेने की अनुमति दे दी है। पिछले साल सितंबर में भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (Irdai) ने इंश्योरेंस कंपनियों को व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा से जुड़े उत्पादों के लिए प्रीमियम पेमेंट के विकल्प (फ्रीक्वेंसी/ किस्त में प्रीमियम का भुगतान) को ऐड करने की अनुमति दे दी थी। Irdai  ने वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए हाल में बीमा कंपनियों और पॉलिसी होल्डर्स के लिए नियमों में तमाम तरीके की ढील की घोषणा कर चुका है।

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Irdai ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है, ''कोविड-19 महामारी की वजह से उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए और स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम के भुगतान के नियम को आसान बनाने की जरूरत पर विचार के साथ सभी इंश्योरेंस कंपनियों को स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम को किस्त में एकत्र करने की अनुमति दी जाती है...उन्हें जिस प्रोडक्ट के लिए ऐसा करना ठीक लगे।'' 

नियामक ने साथ ही स्पष्ट किया है कि बेसिक प्रीमियम टेबल और चार्जिंग स्ट्रक्चर में किसी तरह का बदलाव नहीं होगा। प्रीमियम पेमेंट की फ्रिक्वेंसी मासिक, तिमाही या अर्ध-वार्षिक हो सकती है। 

इसके साथ ही Irdai ने कहा है कि बीमा कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी फ्रिक्वेंसी मोड में प्रीमियम की कुल राशि अन्य फ्रिक्वेंसी मोड की कुल प्रीमियम राशि के बराबर हों।

Irdai ने कहा है कि किस्त में प्रीमियम के भुगतान की सुविधा को नियमों के अनुपालन के साथ स्थायी बनाया जा सकता है या अस्थायी राहत के तौर पर 12 माह (एक पॉलिसी वर्ष) के लिए लागू किया जा सकता है। नियामक ने कहा है कि 31 मार्च, 2021 तक के रिन्यूअल की तारीख वाली पॉलिसीज के लिए ये व्यवस्था की जा सकती है।


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