NCLAT में एरिक्सन को 550 करोड़ रुपये का बकाया चुकाने के Rcom के प्रस्ताव का विरोध
एनक्लैट की जस्टिस एसजे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस मामले में भारतीय स्टेट बैंक समेत सभी वित्तीय कर्जदाताओं से आठ मार्च तक जवाब मांगा है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अनिल अंबानी नियंत्रित रिलायंस कम्यूनिकेशंस (आरकॉम) के वित्तीय कर्जदाताओं ने कंपनी द्वारा एनक्लैट में दायर एक याचिका का विरोध किया है। याचिका के तहत आरकॉम ने इनकम टैक्स रिफंड के मद में हासिल रकम का इस्तेमाल एरिक्सन का कर्ज चुकाने की इजाजत देने की गुहार नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट टिब्यूनल (एनक्लैट) से लगाई है।
एनक्लैट की जस्टिस एसजे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस मामले में भारतीय स्टेट बैंक समेत सभी वित्तीय कर्जदाताओं से आठ मार्च तक जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 11 मार्च को होगी।
आरकॉम की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने ट्रिब्यूनल से अनुरोध किया कि फंड का हस्तांतरण सीधे एरिक्सन के खाते में करने की इजाजत दी जाए। हालांकि एसबीआइ की पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील कृष्णन वेणुगोपाल और अन्य ने इसका विरोध किया। उनका कहना था कि सुप्रीम कोर्ट में यह मामला पहले से चल रहा है। ऐसे में इस याचिका के लिए यह उचित मंच नहीं है।
गौरतलब है कि आरकॉम पर एरिक्सन का कुल 550 करोड़ रुपये बकाया है। सुप्रीम कोर्ट ने 20 फरवरी को अनिल अंबानी और दो अन्य लोगों को इस मामले में अदालत की अवमानना का दोषी पाया था।