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भारतीय स्टार्टअप्स में 4 साल में 12 गुना बढ़ा चीन की कंपनियों का निवेश, प्रमुख 24 में से 17 स्टार्टअप्स में है चीनी निवेश

देश के प्रमुख 24 में से 17 स्टार्टअप में चीन की कंपनियों के साथ ही कॉरपोरेट निवेश आया है। निवेश करने वाली चीन की कंपनियों में अलीबाबा और टेनसेंट प्रमुख हैं।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Sun, 28 Jun 2020 11:02 AM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 06:05 PM (IST)
भारतीय स्टार्टअप्स में 4 साल में 12 गुना बढ़ा चीन की कंपनियों का निवेश, प्रमुख 24 में से 17 स्टार्टअप्स में है चीनी निवेश

नई दिल्ली, पीटीआइ। लद्दाख में जारी तनाव के बीच चीन के सामान के बहिष्कार की बातें हो रही हैं। लेकिन ग्लोबल डाटा के आंकड़ों के मुताबिक पिछले चार साल के दौरान देश की नई कंपनियों (स्टार्टअप) में चीन की कंपनियों के निवेश में करीब 12 गुना की वृद्धि हुई है। 2016 में भारतीय स्टार्टअप में चीन की कंपनियों का निवेश 38.1 लाख डॉलर (लगभग 2,800 करोड़ रुपये) था, जो साल 2019 में बढ़कर 4.6 अरब डॉलर (लगभग 32 हजार करोड़ रुपये) हो गया।

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ग्लोबल डाटा आर्थिक मामलों पर आंकड़े और विश्लेषण उपलब्ध कराती है। कंपनी के मुताबिक देश के प्रमुख 24 में से 17 स्टार्टअप में चीन की कंपनियों के साथ ही कॉरपोरेट निवेश आया है। निवेश करने वाली चीन की कंपनियों में अलीबाबा और टेनसेंट प्रमुख हैं। ये स्टार्टअप एक अरब डॉलर या उससे अधिक बाजार मूल्य वाले हैं।

अलीबाबा और उसकी सहयोगी एंट फाइनेंसियल ने भारत के चार प्रमुख स्टार्टअप (पेटीएम, स्नैपडील, बिगबास्केट और जोमैटो) में 2.6 अरब (लगभग 18 हजार करोड़ रुपये) का निवेश किया है। जबकि, टेनसेंट और अन्य चीनी कंपनियों ने पांच प्रमुख स्टार्टअप (ओला, स्वैगी, हाइक, ड्रीम11 और बायजूस) में 2.4 अरब डॉलर (लगभग 17 हजार करोड़ रुपये) का निवेश किया है।

भारतीय स्टार्टअप्स में निवेश करने वाले चीन के अन्य प्रमुख निवेशकों में शुनवेई कैपिटल, हिलहाउस कैपिटल ग्रुप, मेटुआन-डाइनपिंग, दिदी चुक्सिंग और फोसुन शामिल हैं।

भारत की कई तकनीकी कंपनियों और स्टार्टअप्स में चीन ने दबाकर पैसा लगाया है। एक अनुमान के मुताबिक, एक अरब डालर से अधिक मूल्य वाली 30 में से 18 स्टार्टअप्स कंपनियों में चीन की प्रमुख हिस्सेदारी है। 

भारत की कई प्रमुख और लोकप्रिय कंपनियों में चीन की हिस्सेदारी है। इनमें बिग बास्केट, बायजू, डेलहीवेरी, ड्रीम 11, फ्लिपकार्ट, हाइक, मेकमायट्रिप, ओला, ओयो, पेटीएम, पेटीएम माल, पालिसी बाजार, क्विकर, रिविगो, स्नैपडील, स्विगी, उड़ान, जोमैटो आदि प्रमुख हैं। चीन का भारत में कुल विदेशी निवेश करीब 6.2 अरब डॉलर है, लेकिन इसने जहां निवेश किया है, उसकी लोकप्रियता और ज्यादा से ज्यादा पहुंच इस कम निवेश को व्यापकता देते हैं।

चीनी कंपनी बाइट डांस का एप टिक टाक यूट्यूब को पीछे छोड़ते हुए लोकप्रियता के मामले में भारत के शीर्ष एप में शुमार है। शाओमी के मोबाइल फोन का लगभग एकाधिकार सा होता जा रहा है। दक्षिण कोरियाई कंपनी सैमसंग पीछे छूट चुकी है। हुआवै के राउटर्स खूब इस्तेमाल किए जाते हैं। चीन की बड़ी कंपनियां जैसे अलीबाबा, बाइट डांस और टेनसेंट भारतीय कंपनियों में पैसा उड़ेल रही हैं।

ग्लोबल डाटा में मुख्य टेक्नोलॉजी विश्लेषक किरण राज ने कहा, 'पिछले साल तक चीन भू-राजनीतिक तनाव की परवाह किये बिना भारतीय टेक्नोलॉजी स्टार्टअप्स में खूब निवेश कर रहा था। हालांकि, हाल में सीमा पर तनाव और भारत द्वारा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नियमों को कड़ा किये जाने से चीनी निवेशकों के लिये थोड़ी समस्या पैदा हुई है। कोरोना वायरस संकट के बीच तनाव वाली कंपनियों के पड़ोसी देशों की कंपनियों द्वारा अधिग्रहण की आशंका को दूर करने के लिये एफडीआई नियमों को कड़ा किया गया था।’


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