इंटरग्लोब एविएशन के मुनाफे में आई 75 फीसद की भारी गिरावट
घरेलू विमानन कंपनी के लिए वर्ष 2018 बेहतर नहीं रहा, क्योंकि यह कच्चे तेल की ऊंची कीमतों और रुपये की कमजोरी से परेशान रहा
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। मार्केट शेयर के लिहाज से देश की सबसे बड़ी एयरलाइन्स के मालिकाना हक वाली इंटरग्लोब एविएशन के दिसंबर तिमाही के मुनाफे में 75 फीसद की गिरावट देखने को मिली है। यह गिरावट कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और लगातार बढ़ रही प्रतिस्पर्धा के कारण आई है।
कंपनी ने जानकारी दी है कि दिसंबर तिमाही के दौरान कंपनी का नेट प्रॉफिट 191 करोड़ रुपये रहा, जबकि बीते वर्ष की समान अवधि के दौरान यह 762 करोड़ रुपये रहा था। घरेलू विमानन कंपनी के लिए वर्ष 2018 बेहतर नहीं रहा, क्योंकि यह कच्चे तेल की ऊंची कीमतों और रुपये की कमजोरी से परेशान रहा। सेक्टर में प्रतिस्पर्धा इस हद तक तेज हो गई है कि प्रतिद्वंद्वी जेट एयरवेज को उसके ऋणदाताओं के साथ पुनर्गठन योजना पर चर्चा करने के लिए छोड़ दिया गया।
इंटरग्लोब ने तीन महीने पहले तिमाही घाटा दर्ज कराया था। वर्ष 2015 में स्टॉक मार्केट में एंट्री करने के बाद यह इसका पहला तिमाही घाटा रहा था। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान इंटरग्लोब का खर्च 50.6 फीसद के उछाल के साथ 8,038 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। हालांकि पैसेंजर यील्ड जो कि प्रति मील प्रति ग्राहक के हिसाब से औसत किराया देती है में 3.7 फीसद का इजाफा देखने को मिला है। गौरतलब है कि इंडिगो ने तिमाही के दौरान 16 एयरबस A320neos विमानों को अपने बेड़े में शामिल किया है।