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महंगाई कम और मानसून अच्छा रहा तो और घटेगी ब्याज दरः राजन

महंगाई की दर कम और मानूसन अच्छा रहा तो रिजर्व बैंक नीतिगत दरों में और कटौती कर सकता है। आरबीआइ के गवर्नर रघुराम राजन ने यह बात कही।

By Manish NegiEdited By: Published: Fri, 15 Apr 2016 07:06 PM (IST)Updated: Fri, 15 Apr 2016 07:26 PM (IST)

वाशिंगटन, (पीटीआई)। महंगाई की दर कम और मानूसन अच्छा रहा तो रिजर्व बैंक नीतिगत दरों में और कटौती कर सकता है। आरबीआइ के गवर्नर रघुराम राजन ने यह बात कही।

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राजन बोले कि केंद्रीय बैंक की मुद्रास्फीति पर नजर है। इसमें यदि गिरावट जारी रही तो रेपो रेट में और कटौती की गुंजाइश बनेगी। आरबीआइ ने इसी माह के शुरू में रेपो रेट को 0.25 फीसद घटाकर 6.5 फीसद कर दिया था। यह पिछले पांच साल का न्यूनतम स्तर है। छह महीने के अंतराल पर की गई यह पहली कटौती थी।

जनवरी 2015 से आरबीआइ ने रेपो रेट में कुल मिलाकर डेढ़ फीसद की कमी की है। राजन यहां अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और विश्व बैंक की सालाना बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे हुए हैं। उन्होंने कहा कि आरबीआइ यह भी देखना चाहता है कि मानसून की स्थिति दो साल लगातार खराब रहने के बाद इस साल कैसी रहती है।

राजन ने वॉल स्ट्रीट जर्नल को दिए एक साक्षात्कार में कहा, 'हमें अच्छे मानसून के संकेतों का इंतजार है। दुर्भाग्य से भारत अभी मानसून के प्रति थोड़ा संवेदनशील है। वैसे, लोगों के लिए मानसून और खाद्य मूल्य के बीच संबंध स्थापित कर पाना मुश्किल होता है।' उन्होंने कहा कि जहां तक व्यापक आर्थिक हालात को संभालने का सवाल है तो भारत ने सही काम किया है। बावजूद इसके कि चुनौतीपूर्ण अंतरराष्ट्रीय स्थितियों के बीच तमाम अर्थव्यवस्थाएं मुश्किल में हैं। भारत ने अपना घाटा कम किया है ताकि वह उतार-चढ़ाव भरे ग्लोबल परिदृश्य में अर्थव्यवस्था के प्रबंधन के लिए अपेक्षाकृत अधिक लचीलेपन के साथ काम कर सके। राजन ने अमेरिका की मौद्रिक नीति में उभरते बाजारों का पहले से अधिक ध्यान रखने के लिए फेडरल रिजर्व की प्रमुख जेनेट येलेन की भी प्रशंसा की।

राजन ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीति में हाल में जिस तरह के बदलाव हुए हैं, उससे उभरते बाजारों के लिए मुद्रा उतार-चढ़ाव और जिंस मूल्य में गिरावट जैसे मुद्दों के समाधान की खातिर और गुंजाइश बनी है। फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दर में बढ़ोतरी की धीमी रफ्तार का हवाला देते हुए राजन ने कहा कि इससे दूसरों के ऊपर का दबाव थोड़ा कम हुआ है।

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