कैशलेस दावे तेजी से निपटाएं बीमा कंपनियां, भर्ती या इलाज के लिए आ रहे मरीजों में भेदभाव नहीं करें हॉस्पिटल
नियामक ने एक परिपत्र में कहा कि स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के तहत कैशलेस दावों के मामले में बीमा कंपनियों को सलाह दी जाती है कि वे हॉस्पिटल के साथ सेवा स्तर समझौतों (एसएलए) के अनुसार कैशलेस आधार पर ऐसे दावों का तेजी से निपटान सुनिश्चित करें।
नई दिल्ली, पीटीआइ। बीमा विनियामक IRDAI ने बीमा कंपनियों से कहा है कि वे कैशलेस आधार पर दावों का शीघ्र निपटान सुनिश्चित करें। इरडा को ऐसी कई शिकायतें मिली हैं, जिनमें कहा गया है कि बहुत से हॉस्पिटल पॉलिसीधारकों से कोविड-19 के इलाज के लिए नकद भुगतान पर जोर दे रहे हैं।
इरडा ने भर्ती या इलाज के लिए आ रहे मरीजों में भेदभाव नहीं करने का निर्देश सभी हॉस्पिटल को दिया है। नियामक के अनुसार, कुछ नेटवर्क प्रदाताओं (हॉस्पिटल) द्वारा कोरोना मरीजों से बेहद उच्च शुल्क लेने और बीमा कंपनियों के साथ कैशलेस व्यवस्था के बावजूद पॉलिसीधारकों से नकद भुगतान पर जोर देने की खबरें हैं।
नियामक ने एक परिपत्र में कहा कि स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के तहत कैशलेस दावों के मामले में बीमा कंपनियों को सलाह दी जाती है कि वे हॉस्पिटल के साथ सेवा स्तर समझौतों (एसएलए) के अनुसार कैशलेस आधार पर ऐसे दावों का तेजी से निपटान सुनिश्चित करें।
इसमें बीमाकर्ताओं को यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है कि हॉस्पिटल पॉलिसीधारक से सहमत दरों के अनुसार शुल्क लें और इसमें किसी तरह का भेदभाव नहीं हो। एक अलग बयान में इरडा ने कहा कि पॉलिसीधारकों से अतिरिक्त दरों की वसूली, अग्रिम जमा राशि की मांग करना और कैशलेस उपचार से इनकार करना पॉलिसीधारकों के हितों पर तो चोट पहुंचाता ही है, यह सेवा प्रदाता हॅास्पिटल और बीमा कंपनियों के बीच सेवा स्तर समझौते का भी उल्लंघन हो सकता है।