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Inflation in India: महंगाई से अभी नहीं मिलने वाली मुक्ति, RBI ने दी बड़ी चेतावनी

आरबीआइ गवर्नर ने कहा कि महंगाई दर चालू वित्त-वर्ष की चौथी तिमाही में निर्धारित लक्ष्य से नीचे आएगी। महंगाई रोकने के लिए देर से उठाए गए कदमों के आरोप पर दास ने कहा कि खामोशी से किए गए काम अखबारों की सुर्खियां नहीं बनते हैं।

By Sarveshwar PathakEdited By: Published: Fri, 24 Jun 2022 07:08 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2022 08:11 AM (IST)
Inflation rate in India; महंगाई को लेकर RBI ने दी बड़ी चेतावनी

नई दिल्ली, एएनआइ। आरबीआइ गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि दिसंबर 2022 तक महंगाई केंद्रीय बैंक द्वारा निर्धारित लक्ष्य छह प्रतिशत से अधिक बनी रहेगी। हालांकि, उसके बाद इसके छह प्रतिशत से नीचे आने की उम्मीद है। एक साक्षात्कार में दास ने कहा, 'मुद्रास्फीति निश्चित रूप से अधिकांश देशों के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। लगभग सभी अर्थव्यवस्थाएं बढ़ती महंगाई का सामना कर रही हैं। यह एक ऐसी समस्या है, जिसने दुनियाभर में सरकारों और केंद्रीय बैंकों को चिंता में डाल रखा है। जहां तक बात देश की महंगाई की है, तो इसके पीछे बाहरी कारण सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं।

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अप्रैल से हम बढ़ती महंगाई से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए काम कर रहे हैं। 'आरबीआइ गवर्नर से जब यह पूछा गया कि उन्होंने महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए पहले नीतिगत दरों में वृद्धि क्यों नहीं की, इस पर उन्होंने कहा कि खामोशी से उठाए गए कदम समाचारपत्रों की सुर्खियां नहीं बनते हैं। इस महीने की शुरुआत में घोषित मौद्रिक नीति के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआइ) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। दूसरी तिमाही में इसके 7.4 प्रतिशत और तीसरी तिमाही में 6.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

मुद्रास्फीति के 2022-23 की चौथी तिमाही में आरबीआइ के निर्धारित लक्ष्य के भीतर आने की संभावना है। चालू वित्त-वर्ष की चौथी तिमाही के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान 5.8 प्रतिशत है। सीपीआइ- आधारित मुद्रास्फीति मई में घटकर 7.04 प्रतिशत हो गई थी, जो पिछले महीने यानी अप्रैल में आठ साल के उच्च स्तर 7.79 प्रतिशत दर्ज की गई थी। मुद्रास्फीति इस साल की शुरुआत से ही आरबीआइ के लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है।

रुपये में तेज उतार-चढ़ाव की अनुमति नहीं देगा आरबीआइ

आरबीआइ के डिप्टी गवर्नर माइकल देवब्रत पात्रा ने शुक्रवार को कहा कि केंद्रीय बैंक रुपये में अस्थिरता को रोकने के लिए काम कर रहा है और इसमें तेज उतार-चढ़ाव की अनुमति नहीं देगा। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आरबीआइ रुपये का कोई स्तर निर्धारित करने के पक्ष में नहीं है। आरबीआइ के मौद्रिक नीति विभाग के प्रमुख पात्रा ने जोर देकर कहा कि हाल के दिनों में भारतीय मुद्रा में सबसे कम अवमूल्यन देखा गया है।

पीएचडी चैंबर आफ कामर्स की ओर से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, 'हम नहीं जानते कि रुपये का स्तर क्या होगा। वास्तव में तो अमेरिकी फेडरल रिजर्व को भी नहीं पता डालर का स्तर क्या होगा। हालांकि, एक बात तय हैं कि हम इसकी स्थिरता के लिए हमेशा खड़े रहेंगे और तेज उतार-चढ़ाव को किसी कीमत पर अनुमति नहीं देंगे।'

पात्रा ने आगे कहा कि अगर कोई रुपये के अवमूल्यन पर बात करता है, तो यह दुनिया में सबसे कम हुआ है और यह 600 अरब डालर के विदेशी मुद्रा भंडार की ताकत है। रुपया-रूबल भुगतान व्यवस्था पर एक सवाल के जवाब में पात्रा ने कहा कि सरकार जो भी फैसला करेगी, रिजर्व बैंक उसका पालन करेगा।


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