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महंगाई दर में लगातार आ रही गिरावट, FY21 की दूसरी छमाही में आ सकती है 4 फीसद के लक्ष्य से नीचे: RBI

कोराना वायरस महामारी से पैदा हुई चुनौतियों के बीच महंगाई दर मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में केंद्रीय बैंक के 4 फीसद के लक्ष्य से भी नीचे आ सकती है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Fri, 17 Apr 2020 12:14 PM (IST)Updated: Sat, 18 Apr 2020 07:02 PM (IST)
महंगाई दर में लगातार आ रही गिरावट, FY21 की दूसरी छमाही में आ सकती है 4 फीसद के लक्ष्य से नीचे: RBI
महंगाई दर में लगातार आ रही गिरावट, FY21 की दूसरी छमाही में आ सकती है 4 फीसद के लक्ष्य से नीचे: RBI

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को अपनी प्रेस कांफ्रेंस में कई बड़ी घोषणाएं की है। प्रेस कांफ्रेस में दास ने अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति और विभिन्न एजेंसियों द्वारा किये गए भविष्य के आकलन को भी रखा। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि महंगाई दर लगातार गिर रही है। उन्होंने कहा कि कोराना वायरस महामारी से पैदा हुई चुनौतियों के बीच महंगाई दर मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में केंद्रीय बैंक के 4 फीसद के लक्ष्य से भी नीचे आ सकती है।

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आरबीआी गवर्नर ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा महंगाई में इसके जनवरी 2020 के उच्च स्तर से 170 आधार अंकों की गिरावट आ चुकी है।  आरबीआई गवर्नर ने शुक्रवार सुबह एक वीडियो कांफ्रेंस में कहा, 'आने वाले समय में महंगाई दर में और भी कमी आ सकती है। यह वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी छमाही में चार फीसद के लक्ष्य से नीचे जा सकती है।'

दास ने आगे कहा कि यह दृष्टिकोण कोरोना वायरस के कारण विकास और वित्तीय स्थिरता पर पैदा हुए जोखिमों से निपटने के लिए नीति निर्माण में मदद करेगा। मार्च महीने में खुदरा महंगाई दर चार महीनों के निचले स्तर 5.91 फीसद पर रही है। सस्ती खाद्य वस्तुओं के कारण खुदरा महंगाई में यह गिरावट आई है।

आरबीआई गवर्नर ने शुक्रवार को कई घोषणाएं की हैं। इनमें इसमें रिवर्स रेपो रेट में 0.25 फीसद की कटौती की घोषणा, एनपीए की 90 दिन की अवधि में मोरेटोरियम की अवधि शामिल नहीं करने की घोषणा, बैंकों का लिक्विडिटी कवरेज रेश्यो (LCR) 100 से घटाकर 80 करने की घोषणा, सिस्टम में एलटीआरओ 2.0 के जरिए 50,000 करोड़ रुपये डालने से शुरुआत करने की घोषणा, बैंक क्रेडिट फ्लो में छूट के लिए नए प्रस्ताव पर विचार करने की घोषणाऔर बैंकों को वित्त वर्ष 2020 के लिए डिवीडेंट का ऐलान नहीं करने देने की घोषणाएं भी शामिल हैं।


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