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यूनीकॉमर्स के अधिग्रहण के लिए इन्फीबीम व स्नैपडील का सौदा रद

इस साल मई में इन्फीबीम ने यूनीकॉमर्स ईसोल्यूशंस और स्नैपडील की पेरेंट कंपनी जैस्पर इन्फोटेक के साथ शेयर परचेज एग्रीमेंट (एसपीए) पर हस्ताक्षर किए थे

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sun, 30 Dec 2018 01:49 PM (IST)Updated: Sun, 30 Dec 2018 01:49 PM (IST)
यूनीकॉमर्स के अधिग्रहण के लिए इन्फीबीम व स्नैपडील का सौदा रद
यूनीकॉमर्स के अधिग्रहण के लिए इन्फीबीम व स्नैपडील का सौदा रद

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। ई-कॉमर्स क्षेत्र में घरेलू स्तर पर अधिग्रहण का एक सौदा सिरे नहीं चढ़ पाया। इन्फीबीम एवेन्यूज ने कहा है कि ई-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील की सब्सिडियरी यूनीकॉमर्स को 120 करोड़ रुपये में अधिग्रहण के सौदे को उसने रद कर दिया है। इन्फीबीम ने रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया है कि तय समय के भीतर निर्धारित शर्ते पूरी न होने के कारण यह सौदा रद किया गया है।

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इस साल मई में इन्फीबीम ने यूनीकॉमर्स ईसोल्यूशंस और स्नैपडील की पेरेंट कंपनी जैस्पर इन्फोटेक के साथ शेयर परचेज एग्रीमेंट (एसपीए) पर हस्ताक्षर किए थे। इसके तरह उसे यूनीकॉमर्स की 100 फीसद हिस्सेदारी खरीदनी थी। उसने कहा था कि इस अधिग्रहण से ई-कॉमर्स क्षेत्र में उसकी क्षमता बढ़ेगी और वह अपने मौजूदा ग्राहकों को ज्यादा सेवाएं दे सकेगी। यह सौदा तीन से पांच महीने के भीतर पूरा होना था। इस सौदे के तहत इन्फीबीम को शेयरधारकों की मंजूरी लेकर 120 करोड़ रुपये के ऑप्शनली कन्वर्टिबल डिबेंचर प्राथमिकता के आधार पर जैस्पर इन्फोटेक को जारी करने थे।

यूनीकॉमर्स के प्रवक्ता ने एक अलग बयान में कहा कि दोनों पक्षों ने समझौते को लागू न करने का निर्णय किया है। इसके चलते यूनीकॉमर्स की शेयर हिस्सेदारी में कोई बदलाव नहीं होगा और वह स्वतंत्र रूप से प्रबंधित कंपनी बनी रहेगी। 2012 में स्थापित यूनीकॉमर्स वेयरहाउस मैनेजमेंट और ओमनी-चैनल सेवाएं देती है। दस हजार से ज्यादा विक्रेता, ब्रांड और ऑनलाइन रिटेलर उसके ग्राहकों में शामिल हैं। यूनीकॉमर्स देश में 15 फीसद से ज्यादा ई-कॉमर्स ट्रांजेक्शंस के लिए सेवाएं देती हैं और उसकी मौजूदगी पूर्वी और दक्षिण एशिया में लगातार बढ़ रही है। प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी भारत और अन्य प्रमुख बाजारों में विस्तार करती रहेगी।

स्नैपडील ने ठुकरा दिया था अधिग्रहण का प्रस्ताव: पिछले साल स्नैपडील ने फ्लिपकार्ट के 95 करोड़ डॉलर (करीब 6650 करोड़ रुपये) के अधिग्रहण प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। स्नैपडील के संस्थापक कुणाल बहल और रोहित बंसल ने कहा था कि कंपनी भारतीय बाजार में नई रणनीति पर काम करेगी। अपने स्नैपडील 2.0 प्लान के तहत उसने अपनी पेमेंट सर्विस कंपनी फ्रीचार्ज एक्सिस बैंक को 385 करोड़ रुपये में बेच दी जबकि उसकी लॉजिस्टिक कंपनी वुलकैन एक्सप्रेस को किशोर बियानी की फ्यूचर सप्लाई चेन सोल्यूशंस ने 35 करोड़ रुपये के नकद सौदे में खरीद लिया।


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